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टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच कई स्थानों पर बंद, लगातार बारिश से मार्ग खुलने की संभावना नहीं

टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से बंद है। लगातार हो रही बारिश से एनएच खुलने की संभावना न के बराबर हैं। वहीं भूस्खलन से दर्जनों सरकारी व निजी भवनों को खतरा पैदा हो गया है। टीमें लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लगी हुई है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 11:41 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 11:41 PM (IST)
टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच कई स्थानों पर बंद, लगातार बारिश से मार्ग खुलने की संभावना नहीं
शारदा व हुड्डी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : विगत तीन दिनों से पूरे जनपद में हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पर्वतीय व मैदानी क्षेत्र पानी से तरबतर हो गए हैं। नदी नाले उफान पर है। शारदा, हुड्डी, लधिया, लोहावती, काली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से बंद है। लगातार हो रही बारिश से एनएच खुलने की संभावना न के बराबर हैं। वहीं भूस्खलन से दर्जनों सरकारी व निजी भवनों को खतरा पैदा हो गया है। पुलिस, प्रशासन, आपदा व सेना की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लगी हुई है। वहीं पर्वतीय क्षेत्र में रात्रि से विद्युत बाधित चल रही है। जिससे लोगों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। मोबाइल नेटवर्क भी ठप पड़े हुए हैं। लोग अपने परिचतों व सगे संबंधियों से हालचाल भी नहीं ले पा रहे हैं। 

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   भारी बारिश से चम्पावत जिले में घाट से टनकपुर तक एक दर्जन से अधिक स्थानों पर मलवा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। कलमठों के बंद हो जाने से पानी सड़क पर बह रहा है। इससे एनएच के और क्षतिग्रस्त होने की संभावना है। वहीं बारिश के लगातार होने से कार्यदायी कंपनियां मलवा हटाने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। एहतियातन पुलिस ने टनकपुर के ककराली गेट और चम्पावत के बेलखेत में वाहनों को रोक दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग में कई स्थानों पर पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिर रहे हैं। इस वजह से यहां हर कदम पर खतरा बना हुआ है। वहीं भूस्खलन के चलते करीब एक दर्जन आंतरिक सड़कें भी बंद चल रही हैं। भारी बारिश के चलते एनएच में आए मलबे को हटाने के कार्य में बाधा पैदा हुई। बारिश से चम्पावत जिले में व्यापक नुकसान हुआ है। जनपद में 17 अक्टूबर की शाम से बारिश लगातार हो रही है। लगातार हो रही तेज बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया।

स्वाला के समीप सुबह छह बजे पांच स्थानों पर मलबा गिर गया। मरोड़ाखान, भारतोली, बसान, च्यूरानी, लीसा डिपो, खोल्का और सूखीढांग में एक-एक स्थान पर भारी मात्रा में मलबा गिर गया। इसके अलावा चल्थी में बनाया गया डायवर्जन पूरी तरह से तबाह हो गया। कई स्थानों पर रास्ते, दीवारें और खेत पूरी तरह से टूट गए हैं। चल्थी की लधिया नदी में आरजीबीएल कंपनी द्वारा बनाया जा रहा निर्माणाधीन पुल भी पानी के वेग के आगे नहीं टिक पाया और बह गया। इससे कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो गया। बारिश के चलते जनपद के पर्वतीय क्षेत्र चम्पावत, लोहाघाट, पाटी, बाराकोट आदि क्षेत्र में देर रात्रि से लाइट नहीं है। लोगों के मोबाइल डिस्चार्ज हो गए हैं। मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया है। इससे लोग एक दूसरे से संपर्क भी नहीं कर पा रहे हैं। बारिश से चम्पावत तहसील का भी एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे तहसील के कमरों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं जनपद के मैदानी क्षेत्र टनकपुर, बनबसा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।

शारदा व हुड्डी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया व विधायक कैलाश गहतोड़ी के नेतृत्व में शारदा घाट व बनबसा क्षेत्र से करीब 3500 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इन्हें स्कूलों, धर्मशालाओं में रूकवाया गया है। विधायक द्वारा उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई है। वहीं विधायक गहतोड़ी ने स्वयं शक्तिमान से जाकर शारदा घाट क्षेत्र का निरीक्षण किया और घर में बैठे लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर भिजवाया। हजारों हेक्टेयर धान की फसल भी बर्बाद हो गई है। चारों तरफ अब भगवान से बारिश के थमने की प्रार्थना कर रहे हैं।


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