Video : टनकपुर पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे 33 घंटे बाद खुला, अब भी पहाड़ी से गिर रहे हैं पत्थर
Tanakpur Pithoragarh Highway opened शनिवार की रात दस बजे पहाडी से भूस्खलन होने से टनकपुर पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे बंद हो गया था। एनएच बंद होने के कारण हाइवे के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई थी। रात यात्रियों को हाईवे पर ही गुजारनी पड़ी।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : landslide on Tanakpur Pithoragarh Highway : टनकपुर पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे स्वाला के पास पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन और पत्थर गिरने से शनिवार रात 10 बजे से बंद हो गया था। मलबा हटाने के बाद सोमवार सुबह करीब सात बजे से मार्ग खोला जा सका है। फंसे वाहनों को एक-एक कर निकाला जा रहा है।
शनिवार रात पहाड़ी पर भूस्खलन होने से टनकपुर पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे बंद हो गया था। एनएच बंद होने के कारण हाइवे के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई । रात यात्रियों को हाईवे पर ही गुजारनी पड़ी। 33 घंटे बाद NH खोला जा सका। pic.twitter.com/kzo3GFdNke
— skand shukla (@skandshukla1) August 8, 2022
एडीएम हेमंत वर्मा, तहसीलदार ज्योति नपलच्याल ने मौके पर पहुंचकर रोड का जायजा लिया और अपील की कि जरूरी होने पर ही एनएच से सफर करें। क्योंकि पहाड़ी से बीच-बीच में पत्थर गिर रहे हैं। इससे रोड फिर बंद होने की आशंका बनी है।
शनिवार की रात बंद हुआ हाईवे
चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग शनिवार रात्रि से बंद होने से कुमाऊं की लाइफ लाइन पर बुरा असर पड़ा। वाहनों की आवाजाही बंद होने से रोजमर्रा की चीजों पर असर पड़ने के साथ आम जन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से लेकर देर शाम तक यात्री सड़क के खुलने का इंतजार करते रहे लेकिन आवाजाही शुरू नहीं हो पाई।
मलबा से सेफ्टी दिवार भी टूटी
हाईवे मलबा आने से एनएच की सेफ्टी दिवार भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इस पर डीएम ने सड़क के आज न खुलने की जानकारी टिवटर पर टिवट कर दी है। वहीं जाम में ऋषिकेश से शव को ला रही दो एंबुलेंस भी फंस गई। सड़क के दोनों और दर्जनों वाहनों में फंसे सैकड़ों यात्रियों को भूखा प्यासा रहना पड़ा। दोपहर में प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए पानी, चाय व बिस्कुट की व्यवस्था की गई।
सैकड़ों पर वाहन हाइवे पर फंसे
शनिवार रात 10 बजे स्वाला और अमोड़ी के बीच किलोमीटर 100 में पहाड़ी का बड़ा हिस्सा भरभराकर सड़क पर आ गया। मलबा और पत्थर गिरने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। जिससे सड़क खोलने में शिवालया कंपनी को काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ा। जाम लगने से सड़क के दोनों और लगी वाहनों की कतार में सैकड़ों यात्री फंस गए।
एंबुलेंस में बच्चे की हो गई मौत
ऋषिकेश एम्स से बाजरीकोट निवासी लक्ष्मण राम की पत्नी बसंती देवी का शव ला रही एंबुलेंस सहित एक अन्य एंबुलेंस भी जाम में फंस गई। हाईवे पर सैकड़ों यात्रियों के फंसे होने की सूचना पर एसडीएम अनिल चन्याल, सीओ विपिन पंत व तहसीलदार ज्योति नपलच्याल के साथ एनएच के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
यात्रियों के लिए चाय बिस्कुट का इंतजाम
तहसीलदार ने बताया कि प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए चाय व बिस्कुट की व्यवस्था की गई है। प्रशासन द्वारा यात्रियों से वापस लौटने की अपील की की जा रही है। दोपहर तक कई वाहन चम्पावत और टनकपुर की ओर वापस लौट गए लेकिन अधिकांश यात्री देर शाम तक सड़क खुलने का इंतजार करते रहे।
रात में खाने और रहने की भी व्यवस्था
तहसीलदार ने बताया कि जो यात्री वापस नहीं लौटे हैं रात में उनके खाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से चम्पावत रेन बसेरे में की गई है। उन्होंने बताया कि सड़क का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के कारण रविवार को आवागमन सुचारू होने की संभावना काफी कम है। सड़क बंद होने के बाद पुलिस ने टनकपुर में ककरालीगेट, चम्पावत और लोहाघाट मोटर स्टेशन में ही वाहनों को रोक दिया। लाइफ लाइन बंद होने से अधिकांश वाहन देवीधुरा के रास्ते मैदानी क्षेत्रों की ओर रवाना हुए। टनकपुर के रास्ते चम्पावत व पिथौरागढ़ जाने वाले वाहनों को भी हल्द्वानी से होकर आना पड़ा।
स्वाला के पास धंसा सड़क का निचला हिस्सा
स्वाला के पास बड़ी मात्रा में गिर रहे मलबे और बोल्डरों के कारण सड़क का निचला हिस्सा धंस गया है। 100 मीटर के दायरे में मलबा गिरा है। जिससे सड़क के जल्द खुलने की संभावना काफी कम है। इसके बाद भी एनएच द्वारा सड़क को जल्द से जल्द सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
आपदा प्रंबंधन विभाग की आपदा के समय यह कैसी तैयारी
मानसून शुरू होने से पूर्व डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने कई बार बैठकें कर अधिकारियों व आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए। मगर आपदा के समय आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों की पोल खुल गई। जिले में हो रही वर्षा से आपदा की कई घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग के कंट्रोल रूम के कई नंबरों ने अभी से काम करना बंद कर दिया है। प्रशासन द्वारा जारी आपदा प्रबंधन विभाग के दो नंबर 9758865458 और 9917384226 पर रविवार को फोन नहीं लगा।
रोडवेज को लगी करीब छह लाख की चपत
एनएच बंद होने से पिथौरागढ़ व लोहाघाट डिपो को करीब छह लाख की चपत लगी। एआरएम लोहाघाट नरेंद्र गौतम ने बताया कि लोहाघाट डिपो से 15 व पिथौरागढ़ डिपो से 16 बसें संचालित होती है। इन बसों से प्रतिदिन लोहाघाट को दो लाख और पिथौरागढ़ को चार लाख रुपये की आमदनी होती है। इससे दोनों ही डिपो को जहां आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा वहीं यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
तहसीलदार ने शव को पैदल पहुंचाया गंतव्य तक
एनएच बंद होने से टनकपुर की ओर शव एंबुलेंस में फंसा हुआ था। जब तहसीलदार ज्याेति नपलच्याल को पता चला तो वह दो मजदूरों व एनएच के कार्मिकों को साथ ले गई और करीब डेढ़ किमी पहाड़ी के ऊपर से पैदल रास्ता बनाकर शव को चम्पावत की ओर लेकर आई और गंतव्य तक भेजा। मृतक के स्वजनों ने नेक कार्य के लिए तहसीलदार का आभार जताया। मृतका बाजरीकोट निवासी लक्ष्मण राम की पत्नी बसंती देवी का था। जिनकी उपचार के दौरान ऋषिकेश में मौत हो गई थी।
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