Haldwani News : अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम हल्द्वानी में 20 अक्टूबर से ठप हो जाएगा तैराकी का ट्रायल
International Stadium Haldwani इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम गौलापार में बना तरणताल में खेल विभाग खिलाडिय़ों की प्रतिभा को निखार रहा है। मौजूदा समय में यहां कुमाऊंभर के 150 खिलाड़ी तैराकी का हुनर सीख रहे हैं। इसमें नेशनल स्तर के खिलाड़ी भी शामिल हैं।
दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : खेल विभाग चाहकर भी खिलाडिय़ों को तैराकी नहीं सीखा पाएगा। इसके पीछे कारण कोई और नहीं बल्कि मौसम परिवर्तन है। ठंड का प्रभाव बढऩे पर 20 अक्टूबर से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में तैराकी के ट्रायल बंद हो जाएंगे।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम गौलापार में बना तरणताल में खेल विभाग खिलाडिय़ों की प्रतिभा को निखार रहा है। मौजूदा समय में यहां कुमाऊंभर के 150 खिलाड़ी तैराकी का हुनर सीख रहे हैं। इसमें नेशनल स्तर के खिलाड़ी भी शामिल हैं।
खेल विभाग की ओर से दो प्रशिक्षित कोच को तैनात किया गया है। जिला क्रीड़ा अधिकारी रशिका सिद्दीकी ने बताया कि खिलाड़ी तैराकी के लिए बढ़ चढ़कर रूचि दिखा रहे हैं, लेकिन मौसम बदलने पर खेल को रोकना पड़ेगा। 20 अक्टूबर के बाद ठंड बढ़ जाएंगी। ऐसे में खिलाडिय़ों को तैराकी सिखाना संभव नहीं होगा।
पुराने तरणताल में डूबे सपने
हल्द्वानी में सबसे पुराने तरणताल के दिन नहीं बहुर पाए। इस तरणताल ने राज्य को कई खिलाड़ी दिए। दरअसल, शहर के बीचोंबीच बना तरणताल पूर्व सीएम स्व. एनडी तिवारी की देन है। पिछले तीन साल में दो साल कोरोना ने खेल नहीं होने दिए। इस साल खेल विभाग तरणताल की मरम्मत के लिए बजट का इंतजार करता रह गया। बजट नहीं मिलने पर तरणताल के द्वार नहीं खुल सके। जिससे खिलाडिय़ों के सपने डूब गए।
पानी गर्म करने की सुविधा नहीं
700 करोड़ के बने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में तरणताल तो बनाया गया, लेकिन पानी को गर्म करने की सुविधा नहीं हो सकी। इतने बड़े स्टेडियम में पानी गर्म करने का इंतजाम होता तो खिलाडिय़ों को ग्रीष्मकाल का इंतजार नहीं करना पड़ता।
हल्द्वानी ओपन तैराकी प्रतियोगिता के 50 और 100 मीटर रेस में चैंपियन रहा। इसके पीछे मेरी प्रेक्टिस है। गौलापार में खेल बंद होने से मुझे ही नहीं कई खिलाडिय़ों को परेशानी होगी।
दीपक दानी, खिलाड़ी।
हल्द्वानी ओपन तैराकी फ्री स्टाइल में चैंपियन रहा। इसके लिए मैंने गौलापार स्टेडियम के अलावा अन्य जगहों पर अभ्यास किया था। लाखों रुपये तरणताल में खर्चने के बाद पानी गर्म करने का इंतजाम नहीं हुआ।
संजय रावत, खिलाड़ी।
गौलापार स्टेडियम में तैराकी बंद करने का फैसला सही है। ठंड में तैराकी संभव नहीं है। खेल बंद होने से दोबारा लाइन में आने के लिए समय लगता है।
हर्षित खाती, खिलाड़ी।
गौलापार स्टेडियम कुमाऊंभर के खिलाडिय़ों का एकमात्र सहारा है। बड़ी मुश्किलों से तैराकी शुरू हुई। अब कुछ समय के लिए बंद हो जाएगी। आधुनिक दौर में हम अन्य देशों से पीछे हैं।
अभिनय अग्रवाल, खिलाड़ी।
अप्रैल से दोबारा शुरू होंगे ट्रायल
जिला क्रीड़ाधिकारी रशिका सिद्दीकी ने बताया कि मौसम के करवट लेते ही तैराकी को बंद किया जाएगा। ठंड बढऩे पर ट्रायल नहीं कराए जा सकते हैं। अप्रैल से तैराकी के ट्रायल दोबारा शुरू हो जाएंगे।