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राजकीय इंटर कॉलेज में अस्तित्व में आया स्वामी विवेकानंद अध्ययन एवं शोध केंद्र Almora News

अल्मोड़ा जिला मुख्यालय स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में स्वामी विवेकानंद अध्ययन एवं शोध केंद्र अस्तित्व में आ गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 02:42 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 02:57 PM (IST)
राजकीय इंटर कॉलेज में अस्तित्व में आया स्वामी विवेकानंद अध्ययन एवं शोध केंद्र Almora News
राजकीय इंटर कॉलेज में अस्तित्व में आया स्वामी विवेकानंद अध्ययन एवं शोध केंद्र Almora News

अल्मोड़ा, जेएनएन : अल्मोड़ा जिला मुख्यालय स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में स्वामी विवेकानंद अध्ययन एवं शोध केंद्र अस्तित्व में आ गया है। विद्यालय के कुछ शिक्षकों के सामूहिक प्रयासों से इस लाभकारी केंद्र की स्थापना की गई है। इस केंद्र की स्थापना से जहां युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र से संबंधित पुस्तकें पढ़कर प्रेरणा मिलेंगी, वहीं नगर व इसके आसपास के क्षेत्रों के विद्यार्थियों व शोधार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा।

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संत स्वामी विवेकानंद ने 27 जुलाई,1897 को राजकीय इंटर कालेज में सिद्धांत व व्यवहार विषय पर हिंदी में व्याख्यान दिया था। उनकी इस स्मृति को संजोए रखने के लिए विद्यालय के ही कुछ शिक्षकों के सामूहिक प्रयासों से विद्यालय के एक कक्ष में स्वामी विवेकानंद अध्ययन एवं शोध केंद्र की स्थापना की गई है। इस पुस्तकालय में लगभग 800 पुस्तकें हैं। जाे सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, शिक्षकों तथा छात्रों की ओर से निश्शुल्क प्रदान की गई है। इधर केंद्र की स्थापना पर रामकृष्ण कुटीर के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानंद ने विद्यालय में इस केंद्र की स्थापना पर प्रसन्नता जताई है।

राजकीय इंटर कालेज में केंद्र की सहर्ष सहमति के लिए इस मिशन में जुटे शिक्षकों डॉ. ललित जलाल, राम चंद्र सिंह रौतेला तथा छात्र प्रभारी जगदीश सिंह बिष्ट ने विद्यालय के प्रधानाचार्य व खंड शिक्षा अधिकारी का आभार जताया है। केन्द्र प्रभारी डाॅ. ललित जलाल ने बताया कि केंद्र युवा पीढ़ी के लिए लाभकारी साबित होगा। इससे युवाओं में नैतिक मूल्यों के साथ ही सामाजिक, आध्यात्मिक व शैक्षिक मूल्यों का विकास होगा। केंद्र की ओर से समय-समय पर विचार गोष्ठियों व अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा। जल्द ही केंद्र को और विकसित किए जाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

इन्होंने उपलब्ध कराई निश्शुल्क पुस्तकें

केंद्र के लिए निश्शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराने वालों में डॉ. चंद्र सिंह चौहान, डॉ. दीपा जलाल, राम चंद्र सिंह रौतेला, मोहन सिंह मनराल, अनुराग पंत, अजय कनवाल, जगदीश बिष्ट शामिल हैं। इसके अलावा श्रीराम कृष्ण कुटीर की ओर से भी शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई गई है। यह अध्ययन एवं शोध केंद्र भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। 


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