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एक माह से सूर्य पर नहीं बने सन स्पॉट, लंबी हो सकती है अगले सौर्य चक्र की अवधि

एक माह से सूर्य पर सौर कलंक यानी सन स्पॉट नहीं उभर पाए हैं। सूर्य अभी मिनिमम फेज से गुजर रहा है। जिसके चलते वैज्ञानिक संभावना जता रहे हैं कि इस बार का सौर चक्र थोड़ा लंबा होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 08:16 AM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 08:17 AM (IST)
एक माह से सूर्य पर नहीं बने सन स्पॉट, लंबी हो सकती है अगले सौर्य चक्र की अवधि
एक माह से सूर्य पर नहीं बने सन स्पॉट, लंबी हो सकती है अगले सौर्य चक्र की अवधि

नैनीताल, जेएनएन : करीब एक माह से सूर्य पर सौर कलंक यानी सन स्पॉट नहीं उभर पाए हैं। सूर्य अभी मिनिमम फेज से गुजर रहा है। जिसके चलते वैज्ञानिक आशंका जता रहे हैं कि इस बार का सौर चक्र थोड़ा लंबा होने वाला है।

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सोलर साइकिल का यह फेज मैक्सिमम स्तर पर आ चुका है, परंतु सूर्य पर सौर कलंकों का उभरना अभी शुरू नहीं हुआ है। एक माह पूर्व सूर्य पर सौर कलंक नजर आए थे। इसके बाद से अभी तक सूर्य पर एक भी सन स्पाट नहीं उभरा है। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के कार्यवाहक निदेशक डॉ. वहाबउद्दीन ने बताया कि सूर्य का 11 वर्ष का सौर चक्र होता है। कभी-कभी यह चक्र 14 साल तक चला जाता है। इस दौरान सूर्य को मैक्सिमम फेज पर पहुंच जाना चाहिए था परंतु वह मिनिमम दौर पर ही ठहरा हुआ है। मैक्सिमम दौर की अवस्था में सूर्य सक्रिय हो जाता है। जिसमें सन स्पॉट उभरने शुरू हो जाते हैं। साथ ही फ्लेयर यानी भभूकाएं निकलने लगती हैं। जिनसे चार्ज पार्टिकल की बौछारें निकलती हैं, जो कभी कभी पृथ्वी तक पहुंच जाते हैं। 

ये पड़ता है दुष्‍प्रभाव 

डॉ. वहाबउद्दीन उन्होंने कहा चार्ज पार्टिकल बेहद खतरनाक होते हैं। जिनसे हमारे सेटेलाइट के नष्ट होने का खतरा रहता है। इनके अलावा वह पृथ्वी पर मौजूद विद्युत व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। पूर्व में चार्ज पार्टिकल धरती में कई स्थानों पर मौजूद विद्युत उपकरणों को नुकसान पहुंचा चुके हैं। जिस कारण सोलरवैज्ञानिक हमेशा सूर्य पर नजर टिकाए रखते हैं।

एरीज की टावर टेलीस्कोप रखती है सूर्य पर नजर

सूर्य पर नजर रखने के लिए एरीज में टावर टेलीस्कोप स्थापित की गई है। इस टेलीस्कोप के जरिये एरीज के वैज्ञानिक सूर्य की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखते हैं। पूर्व में इस दूरबीन से सन स्पॉट व सोलर फ्लेयर की कई तस्वीरें कैद की गई हैं। 28 अक्टूबर 2003 में विशाल आकार की फ्लेयर का चित्र इस टेलीस्कोप से लिया गया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह महत्वपूर्ण आब्जर्वेशन था। वर्ष 1990 में स्थापित की गई यह आप्टिकल टेलीस्कोप 15 सेमी व्यास की है। 


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