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रिजल्ट को लेकर बेफिक्र दिखे सुमित, पत्नी-बच्चों के साथ मनाई सलागिरह

चुनावी व्यस्तता से बाहर निकलने के बाद कांग्रेस से मेयर पद के उम्मीदवार सुमित हृदयेश सोमवार को बेफिक्र दिखे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 10:30 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 10:30 AM (IST)
रिजल्ट को लेकर बेफिक्र दिखे सुमित, पत्नी-बच्चों के साथ मनाई सलागिरह
रिजल्ट को लेकर बेफिक्र दिखे सुमित, पत्नी-बच्चों के साथ मनाई सलागिरह

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चुनावी व्यस्तता से बाहर निकलने के बाद कांग्रेस से मेयर पद के उम्मीदवार सुमित हृदयेश सोमवार को बेफिक्र दिखे। चेहरे के भाव से जीत को लेकर आश्वस्त लग रहे सुमित ने समर्थकों से बूथों पर हुए मतदान को लेकर चर्चा की। वहीं, सोमवार को उनकी शादी की सालगिरह थी। पत्नी व बच्चों संग उन्होंने इस यादगार मौके पर बाहर लंच भी किया। चुनावी भागादौड़ी से निपटने पर शाम तक दो शादियों में शरीक हुए।

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हल्द्वानी की चर्चित नगर निगम सीट पर कांग्रेस ने युवा चेहरे व नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित को मैदान पर उतारा। निगम का दायरा दोगुना होने की वजह से डोर-टू-डोर प्रचार भी मुश्किल था। लिहाजा मतदाताओं को चेहरा दिखाने के लिए सभी उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। कांग्रेस प्रत्याशी सुमित ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे से चुनावी दौर शुरू हो जाता था। रात तीन से साढ़े तीन बजे सोने का समय मिलता। देर शाम तक सभाओं का सिलसिला खत्म होने के बाद अगले दिन की चुनावी रणनीति बनाने में रात हो जाती थी। मतदान की रात साढ़े आठ बजे घर पहुंचने के बाद उन्होंने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से वोटिंग प्रतिशत की स्थिति जानी। वहीं,

तीन सप्ताह से सुबह जल्दी उठने वाले सुमित ने मतदान की अगली सुबह 11 बजे तक आराम किया। सोमवार को सालगिरह होने की वजह से सुबह से समर्थक व अन्य लोग उन्हें फोन पर व घर पहुंचकर बधाई देने पहुंचे। प्रचार की वजह से परिवार को कम समय देने वाले कांग्रेस प्रत्याशी ने सालगिरह पर परिवार संग दोपहर का खाना बाहर ही खाया। जिसके बाद दो बजे से फिर घर पर कार्यकर्ता बधाई देने के साथ मतदान की चर्चा को पहुंचने लगे। जल्दबाजी में दिखे सुमित कार्यकर्ताओं के जाने के बाद एक शादी समारोह में शामिल होने को निकल गए। बताया कि शाम को दूसरी जगह भी निमंत्रण में जाना है।

एक साल तक मेहनत करनी पड़ेगी

नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश कांग्रेस की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। उन्होंने बताया कि एक साल तक ग्रामीण इलाकों में काफी मेहनत करनी पड़ेगी। पेयजल संकट को खत्म करना बड़ी चुनौती है। कहा कि गांव के विकास को हर मद से पैसा मुहैया करवाया जाएगा।

बीस दिन बाद परिवार संग बीता रौतेला का दिन

पिछले कई दिनों से चुनाव प्रचार में व्यस्त रहे डॉ. जोगेंद्र रौतेला सोमवार को फुर्सत में दिखे। बालों में मेहंदी किए रौतेला पांच समर्थकों के साथ घर के ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठे हैं। सामने टेबल पर मिठाई, काजू-बादाम सजे हैं। रौतेला का अपना मोबाइल बंद है, लेकिन दूसरे के मोबाइल पर वह किसी से बतियाते हुए वोटों के समीकरण पर चर्चा करने में मशगूल हैं। जीत को लेकर आस्वस्त रौतेला कह रहे हैं 'भाई साहब! आप चिंता मत करिये, सीट ठीकठाक वोटों से निकल रही है। बस आपको 21 को शहर में रहता है..।'

दिन का 1 बजकर 43 मिनट हुआ है। सामान्य दिनों में सुबह 6 से साढ़े छह बजे तक उठने वाले रौतेला आज 7 बजे उठे। सुबह से ही एक के बाद लोगों का आने का सिलसिला शुरू हो गया। इस बीच समय निकालकर बाल कटवाए व मेहंदी की। घर में लोगों से मिलते-मिलाते अखबारों का अध्ययन किया। व्यवस्था में नाश्ता नहीं कर पाए। बातचीत में रौतेला ने बताया कि चुनाव के दौरान रोज सुबह 7 बजे घर से नाश्ता कर प्रचार के लिए निकल पड़ते थे। प्रचार की व्यस्तता में दिन के भोजन का समय नहीं मिल पाता। सोमवार को उन्होंने पत्नी पूजा रौतेला से दाल-चावल बनाने की पेशकश की। नहाने के बाद उन्होंने दाल-चावल खाया। बेटी मान्या पिता के साथ मस्ती करनी दिखी। शाम को स्कूल के वार्षिकोत्सव में बतौर अतिथि शामिल हुए।

मोबाइल फोन रखा बंद

रौतेला ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान रोजाना 400 से 500 कॉल रिसीव करते थे। सोमवार को आराम के मूड में उन्होंने फोन बंद रखा। जरूरी फोन कॉल के लिए दूसरे के मोबाइल का इस्तेमाल किया।

जीत को लेकर दिखे आश्‍वस्त

बातचीत में रौतेला ने कहा पार्कों के सौंदर्यीकरण, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, अमृत योजना के तहत पेयजल व सीवर की करोड़ों के निर्माणाधीन विकास कार्य, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट कंपोस्ट प्लांट की फाइल अंतिम चरण में पहुंचाने जैसे काम को जनता दरकिनार नहीं कर सकती। भाजपा की रीति-नीति के भी लोग जुड़ेंगे। उन्होंने कहा उनकी जीत पक्की है।

बगैर नाश्ता करे आठ बजे ऑफिस पहुंचे शुएब, रविवार को था जन्मदिन

सपा प्रत्याशी शुएब अहमद सोमवार सुबह आठ बजे चोरगलिया रोड स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचकर मतगणना में शामिल होने वाले पार्टी एजेंटों के फार्म भरने में जुटे थे। पूछने पर बताया कि सब काम खुद करने पड़ते हैं। क्योंकि संगठन अभी भाजपा-कांग्रेस की तरह मजबूत नहीं है। हालांकि चुनाव में साथ खड़े कार्यकर्ताओं को ही शुएब अपनी जीत बताते हैं। वहीं, मतदान के दिन सपा प्रत्याशी का जन्मदिन व सालगिरह भी थी, लेकिन चुनावी व्यस्तता ने परिवार के साथ रहने नहीं दिया।

शुएब ने बताया कि पोलिंग से पहले दो रात वह सोए नहीं। रविवार को अंत तक बूथों का जायजा लेते रहे। सोमवार सुबह छह बजे उठकर तैयार हुए और बगैर नाश्ता करे दो घंटे के भीतर फिर ऑफिस में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच गए। बताया कि चुनाव के दौरान सुबह नाश्ता करने के बाद दिन में खाने का समय बहुत कम मिला। उसके बाद रात दो-ढाई बजे खाने का मौका मिलता। तीन बजे सोने के बाद सुबह सात बजे से फिर प्रचार का दौर शुरू हो जाता। शुएब ने बताया कि बेटियां नैनीताल में पढ़ती है। उनके पेपर चल रहे हैं। जिसके चलते परिवार, पत्नी भी बच्चों के साथ है। इस बीच सुबह से कार्यालय में कार्यकर्ता व पदाधिकारी पहुंचकर फीडबैक देने में जुटे थे। वहीं, एक-एक कांउटिंग एजेंट को बुलाकर शुएब खुद उसका फार्म भर रहे थे। परिणाम को लेकर उन्होंने कहा कि जमीनी कार्यकर्ता व साथियों ने भरपूर साथ दिया। यह भी मेरी जीत है। वहीं, रात तक शुएब कार्यालय में समर्थकों के बीच ही रहे।

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