भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी बोले-जीएसटी 21वीं शताब्दी का सबसे बड़ा पागलपन
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आयकर खत्म कर दिया जाना चाहिए।
नैनीताल, जेएनएन : पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आयकर खत्म कर दिया जाना चाहिए। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन सभागार में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए स्वामी ने कहा कि जीएसटी 21वीं शताब्दी का सबसे बड़ा पागलपन है। इसने जनता, खासकर व्यापारी वर्ग को परेशान किया है। जीएसटी एन कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने का काम प्राइवेट पार्टी को देने से बेड़ा गर्क हुआ है। मेरे ही सुझाव पर एक साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। उन्हाेंने कहा कि भाजपा सरकार के लाइन से भटकने पार्टी को सही रास्ते पर लाना मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने सबको परेशान किया है। कर वसूली की प्रक्रिया बेहद आसान बनाने की जरूरत है।
राजनीतिक कदम नहीं है मेरी याचिका
स्वामी ने देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ याचिका दायर करने को राजनीतिक हस्तक्षेप करार देने पर साफ किया है कि वह भाजपा में होने के साथ ही इसके राष्टï्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं। मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराना है, यह हमारे हमारे घोषणा पत्र में शामिल है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए स्वामी ने कहा कि मंदिरों में यदि गड़बड़ी है तो उसे रोकने की जिम्मेदारी सरकार को नहीं, बल्कि सीएजी या स्वतंत्र संस्था को सौंपनी चाहिए, यदि मंदिर प्रबंधन देेने के बाद सरकार भ्रष्टïाचार करे तो उसे कौन पकड़ेगा। एक सवाल के जवाब में स्वामी ने कहा कि कांग्रेस जब तक सत्ता में नहीं आएगी तब तक देवस्थानम अधिनियम का विरोध करेगी, सत्ता में आने के बाद कांग्रेस का रवैया जगजाहिर है।
सीएए से किसी मुसलमान को नहीं पड़ेगा फर्क
स्वामी ने कहा कि सीएए से किसी भी मुसलमान को काई फर्क नहीं पडऩे वाला। उन्होंने सवाल उठाया कि जब किसी बच्चे की नाक टेड़ी होगी तो बच्चा पैदा करना बंद कर दोगे क्या। उन्होंने कहा कि एनआरसी का ड्राफ्ट जब आएगा, तब उस पर बात होगी। स्वामी ने दिल्ली में हिंसा की निंदा करते हुए साफ किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा की सफलता इससे प्रभावित नहीं हो सकती।
मेरा बयान तोड़मरोड़ कर पेश किया गया
स्वामी ने कहा कि इंडोनेशिया में दिए गए उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। वहां के वित्त मंत्री ने उन्हें कहा था कि बाली में एक हिंदू की सलाह पर 20 हजार रुपये के नोट पर गणपति की फोटो प्रकाशित की तो अर्थव्यवस्था में गिरावट रुक गई। इस पर मुझसे पूछा गया था कि आप भी लक्ष्मी की फोटो लगाने के इच्छुक हों तो उन्होंने कहा था कि लक्ष्मी का क्यों, सरस्वती की फोटो लगाओ।
बार एसोसिएशन ने किया अभिनंदन
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी का अभिनंदन किया। उन्हें बद्रीकेदार मंदिर समिति की ओर से शॉल ओढ़ाने के साथ ही अधिवक्ताओं ने संविधान की किताब भेंट की। इस अवसर पर बार एसोसिएशन अध्यक्ष पूरन सिंह बिष्टï, महासचिव जयवर्धन कांडपाल, त्रिलोचन पांडे, जयवर्धन कांडपाल, विनोद नौटियाल, बीबी शर्मा, अतुल बहुगुणा, चेतना विराट हिंदुस्तान संगम के अध्यक्ष राजीव गुप्ता, सचिव जहीर अंसारी, बद्रीकेदार मंदिर समिति के राकेश सेमवाल आदि मौजूद थे। स्वामी ने अधिवक्ता को लोकतंत्र का स्तंभ बताते हुए कहा कि अधिवक्ता ही आम जन को संवैधानिक अधिकार दिलाता है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करा चुके हैं, यह काम जारी रखा जाएगा।
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