गणित, विज्ञान को कलात्मकता से समझ सकेंगे स्टूडेंट्स, सीबीएसइ ने सुझाया ये उपाय
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों को आर्ट इंटीग्रेटेड एजुकेशन देने के लिए सर्कुलर के बाद गाइडलाइन भी जारी की है।
हल्द्वानी, गणेश पांडे : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा छह से 8वीं तक के बच्चों को आर्ट इंटीग्रेटेड एजुकेशन देने के लिए सर्कुलर के बाद गाइडलाइन भी जारी की है। बोर्ड ने गणित, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी व विज्ञान जैसे विषयों को कलात्मक तरीके से पढ़ाने व उसके साथ एक्टिविटी कराने का अहम सुझाव दिया है। सीबीएसई का तर्क है कि किताब से बाहर निकलकर विषय को समझने में आसानी होगी। टीचर्स ने सीबीएसई की इस पहल को सराहा है।
कक्षा-सात सामाजिक विज्ञान, विषय-रूल्स एंड बिल्डिंग्स
डम शराड से पहचानें इमारतें : स्टूडेंट्स ऐतिहासिक इमारतों को पहचान पाएं, इसके लिए डम शराड जैसी एक्टिविटी करानी होगी। ऐतिहासिक इमारतों को बताते क्लू चिट में लिखे जाएं व एक बच्चा चिटों में से एक को चुनकर एक्ट करके क्लास को बताए। जैसे लालकिले के लिए लिखा जाए, मैं रेड सैंडस्टोन से बना हूं, पांच मंजिला इमारत जितना ऊंचा हूं।
कक्षा-छह गणित, विषय-ज्योमेट्री
मंडला पेंटिंग से सीखेंगे सर्कल : टीचर बच्चों को मंडला पेंटिंग से सर्कल के बारे में बताएंगे। मंडला पेंटिंग गोलाकार होती हैं। टीचर बच्चों को क्लासरूम से बाहर ओपन स्पेस में ले जाएं व एक सर्कल तैयार करें। टीचर्स मंडला पेंटिंग के बारे में बता सकते हैं कि इसमें सर्कल को यूनिवर्स का प्रतीक माना गया है।
कक्षा-नौ विज्ञान, विषय- इम्पल्सिव एंड नॉन-इम्पल्सिव फोर्सेज
बॉल उछालने में कौन सी फोर्स : बच्चों को 15-20 सेकेंड की एक्टिविटी करवा सकते हैं। जैसे बच्चे अपने नाखून से टेबल पर टक-टक करें। फुटबॉल को किक करके उसके पीछे भागें, टेनिस बॉल को बाउंस करवाएं, चेयर-टेबल को फर्श पर घसीटें..। इस दौरान टीचर बच्चों से सवाल करें कि किस चीज में कौन सी फोर्स इस्तेमाल हो रही है।
कक्षा-छह इंग्लिश, विषय-कविता
बच्चों से करवाएं एक्टिंग : 'कुररेल' कविता को समझाने के लिए टीचर क्लासरूम में बच्चों के निजी अनुभवों पर बात कर सकते हैं। बच्चों से पूछें कि उन्होंने किसका झगड़ा देखा, क्या वजह थी, किसने झगड़ा शुरू किया आदि। टीचर बच्चों को दोस्तों से झगडऩे की एक्टिंग करवा सकते हैं। उनके हाव-भाव नोट करवा सकते हैं।
विषयों को समझने का बेहतर मौका
संगीता कोरंगा, सोशल साइंस टीचर ने बताया कि बच्चे को किताबों से निकलकर क्लास रूम के बाहर विषयों को समझने का मौका मिलेगा। इससे उनके लिए विषयों को समझना आसान होगा।
स्टूडेंट्स में मैथ्स का डर कम होगा
मंजू भट्ट, मैथ्स टीचर ने बताया कि मैथ्स से डरने वाले बच्चों को गेम्स व ड्राइंग के माध्यम से समझने में आसानी होगी। हालांकि अब सिलेबस पूरा करने में वक्त ज्यादा लगेगा।
रोचक तरीके से सीख सकेंगे बच्चे
मुदिता बिष्ट, इंग्लिश टीचर ने कहा कि पूरा फोकस कम लिखने व ज्यादा समझने पर है। कोई विषय सामने आते ही क्लास रूम में हुई एक्टिविटी री-कॉल होगी। यह बच्चों के लिए मजेदार होगा।