बलियानाला भूस्खलन से खतरे की जद में आए प्रभावितों की शिफ्टिंग की कार्रवाई पर रोक
हाई कोर्ट ने नैनीताल के बूचड़खाना रईस होटल और हरिनगर क्षेत्र से प्रभावितों को आननफानन में शिफ्ट पर पूरी तरह रोक लगाते हए सरकार और पालिका से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने नैनीताल के अति संवेदनशील बलियानाला भूस्खलन प्रभावित बूचड़खाना, रईस होटल व हरिनगर क्षेत्र से खतरे की जद में आए परिवारों का विस्थापन करने पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार और पालिका से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने साफ किया है कि आनन-फानन में विस्थापन ना किया जाए, बल्कि पूरी वैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही राज्य आपदा व केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है।
वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में नैनीताल हरिनगर के मोहम्मद तैय्यब, अनीता देवी समेत अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि वह भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के दायरे में नहीं आते हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें बेवजह पैतृक आवासों से आनन फानन में हटा रहा है। याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना था कि वह मकान के पंजीकृत व रिकार्डेड होल्डर हैं, पूर्व में प्रशासन द्वारा हाईपावर कमेटी गठित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भूस्खलन क्षेत्र के पांच सौ मीटर दायरे के प्रभावित परिवारों को हटाया जा रहा है। यदि प्रशासन पांच सौ मीटर दायरे के परिवारों को हटाता है तो रोडवेज बस स्टेशन तक का इलाका आता है, इतने बड़े इलाके का विस्थापन करना मुमकिन नहीं है। कहा कि सरकार बलियानाला का ट्रीटमेंट ना कर उन्हें परेशान कर रही है। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद विस्थापन पर रोक लगाते हुए सरकार और पालिका से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
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