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लॉकडाउन के कारण कारगिल विजेता फौजी बेटा मां के लिए नहीं ला सका दवा, मौत के बाद पड़ोसी ने दी मुखाग्नि

कारगिल विजेता भारतीय सेना का हिस्सा रहा फौजी बेटा लॉकडाउन में फंसने के चलते बुजुर्ग मां की दवा नहीं ला सका। बड़ा बेटा फरीदाबाद में फंसा होने के कारण मदद नहीं कर सका।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 04:52 PM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 04:52 PM (IST)
लॉकडाउन के कारण कारगिल विजेता फौजी बेटा मां के लिए नहीं ला सका दवा, मौत के बाद पड़ोसी ने दी मुखाग्नि
लॉकडाउन के कारण कारगिल विजेता फौजी बेटा मां के लिए नहीं ला सका दवा, मौत के बाद पड़ोसी ने दी मुखाग्नि

रामनगर, जेएनएन : कारगिल विजेता भारतीय सेना का हिस्सा रहा फौजी बेटा लॉकडाउन में फंसने के चलते बुजुर्ग मां की दवा नहीं ला सका। बड़ा बेटा फरीदाबाद में फंसा होने के कारण मदद नहीं कर सका। नतीजा मां ने दम तोड़ दिया। पिता की पहले ही मौत हो जाने के कारण विपदा की इस स्थिति में घर पर कोई पुरुष नहीं था। ऐसे में पड़ोसियों ने आगे बढकर कर्मकांड की जिम्मेदारी उइाई। घाट पर उन्होंन बुजुर्ग मिहला की चिता को मुखाग्नि दी।

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नैनीताल जिले की पीरूमदारा की दुर्गा देवी (92) पत्नी बिशन सिंह की शनिवार मौत हो गई। परिजनों के अनुसार, वह लंबे समय से बीमार थीं। दिल्ली के एक अस्पताल से उनका इलाज चल रहा था। कुछ दिन पहले दुर्गा देवी का बड़ा बेटा और कारगिल युद्ध लड़ चुका बेटा फौजी पृथ्वी सिंह उनकी दवा लेने दिल्ली गया था। मगर लॉकडाउन के चलते पृथ्वी वहीं फंस गया। दुर्गा का दूसरा बेटा भी फरीदाबाद में सिंचाई विभाग में तैनात है। इधर, समय पर दवाएं नहीं मिलने से दुर्गा देवी की शनिवार को मौत हो गई। सूचना के बावजूद दोनों बेटे नहीं आ सके तो दुर्गा देवी का अंतिम संस्कार गांव में उनके एक रिश्तेदार दिनेश बिष्ट (64) ने किया। ग्रामीणों के अनुसार, मृतका के पति की काफी समय पहले ही मौत हो गई थी। मुखाग्नि देने वाला बुजुर्ग मृतका के दूर का रिश्तेदार है।

कारगिल युद्ध में दुश्मन की गोली से पांव गंवा चुका है बेटा

ग्रामीणों के अनुसार पृथ्वी सिंह ने कारगिल युद्ध दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। युद्ध के दौरान दुश्मनों की एक गोली उनके पैर में लग गई थी, इससे वह दिव्यांग हो गए। 20 मार्च को वह मां की दवा लेने दिल्ली गए थे, लेकिन वहां लौटने से पहले लॉकडाउन लागू हो गया, और वह वहीं फंस गए।

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