uttarakhand scholarship scam घोटाले से परदा उठाएंगे समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक हुई जांच में समाज कल्याण विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आई है।
रुद्रपुर, जेएनएन : दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक हुई जांच में समाज कल्याण विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आई है। ऐसे में एसआइटी उनसे भी पूछताछ कर सकती है। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक पूछताछ के बाद छात्रवृत्ति घोटाले से परत दर परत उठने लगेगी।
दरअसल, एससी, एसटी और ओबीसी के 2011-12 के दशमोत्तर छात्रवृत्ति में घोटाले की पुष्टि के बाद एसआइटी जांच शुरू हो गई थी। जांच की आंच ऊधमसिंहनगर तक पहुंची तो एसआइटी ने समाज कल्याण विभाग से 2011 से 2019 तक के दस्तावेज मांगे। दस्तावेज के अध्ययन के बाद लाभार्थियों से हुई पूछताछ के बाद कई दलाल समेत सात शैक्षिक संस्थानों पर केस दर्ज हुआ। चार बिचौलियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक समाज कल्याण विभाग से मिले दस्तावेज की जांच में पता चला कि 2011 से 2015 तक छात्रवृत्ति का रिकॉर्ड ऑफलाइन था। जबकि 2016 से ऑनलाइन रिकॉर्ड था। इससे पुष्टि हुई कि ऑनलाइन की तुलना में ऑफलाइन में दलाल, शैक्षिक संस्थान और बैंक के साथ ही समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से अधिक छात्रवृत्ति बांटी गई। यही नहीं छात्रवृत्ति देने से पूर्व हुए सत्यापन में भी समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने लापरवाही बरती थी। इस पर जसपुर और बाजपुर पुलिस और एसआइटी ने समाज कल्याण विभाग से 2011 से 2015 तक तैनात अधिकारी और कर्मचारियों की सूची मांगी थी। विभाग से पुलिस को सूची भी उपलब्ध हो गई है। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक बरामद सूची के आधार पर अब चिह्नित समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी। इसके बाद घोटाले से जुड़े कई अन्य लोगों के नाम तो प्रकाश में आएंगे ही साथ ही अन्य पहलुओं से भी परदा उठेगा।
15 लाभार्थियों से पूछताछ
दशमोत्तर छात्रवृत्ति लेने वाले लाभार्थियों से पूछताछ का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भी एसआइटी की अलग अलग टीमों ने जसपुर और बाजपुर में 10 लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन किया। इस दौरान उनसे पूछताछ कर उनके बयान भी दर्ज किए। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक सितारगंज और खटीमा में भी पांच लाभार्थियों से पूछताछ की गई है।
फरार बिचौलिए नहीं चढ़े हत्थे
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में जसपुर और बाजपुर में सात शैक्षिक संस्थान समेत कई दलालों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। मुकदमे की विवेचना के दौरान मिले साक्ष्य के आधार पर जसपुर पुलिस ने बीते दिनों चार बिचौलिए दिग्विजय सिंह, उदयराज सिंह, राजेंद्र उर्फ राजू और गुडडू उर्फ इरशाद को गिरफ्तार किया था। उनसे हुई पूछताछ के बाद चार और बिचौलियों के नाम सामने आए। जब पुलिस उन चारों बिचौलिए धीरेंद्र, कमलजीत, महीपाल और धर्मेंद्र की गिरफ्तारी को गए तो वह फरार हो गए थे। इधर, चारों बिचौलियों की धरपकड़ को पुलिस रोजाना ही दबिश दे रही है लेकिन वह पुलिस के हाथ अब तक नहीं चढ़े। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।