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नैनीताल में पहले ओले गिरे फिर बर्फबारी हुई, पर्यटकों ने उठाया मौसम का आनंद nainital news

नैनीताल में शनिवार का दिन में ओलावृष्टि हिमकण बारिश व कोहरे का मौसमी कॉक्टेल का नजारा देखने को मिला। इस दौरान बर्फबारी भी हुई।

By Edited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 05:28 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 05:28 AM (IST)
नैनीताल में पहले ओले गिरे फिर बर्फबारी हुई, पर्यटकों ने उठाया मौसम का आनंद nainital news
नैनीताल में पहले ओले गिरे फिर बर्फबारी हुई, पर्यटकों ने उठाया मौसम का आनंद nainital news

नैनीताल, जेएनएन : सरोवर नगरी नैनीताल में शनिवार का दिन ओलावृष्टि, हिमकण, बारिश व कोहरे का मौसमी कॉकटेल का सटीक उदाहरण बना। खराब मौसम ने लोगों को घरों में दुबकने के लिए मजबूर होना पड़ा। ठंड से नगर का पारा गिरकर एक डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। मौसम की मार असर पर्यटन से जुड़े छोटे कारोबारियों पर सर्वाधिक पड़ा। यहां सुबह से ही मौसम ने रंग बदलने शुरू कर दिए थे। नगर घने कोहरे में डूबा रहा। दोपहर होते ही हिमकण के साथ ही ओलों की बरसात भी शुरू हो गई।

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ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी

शहर समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी भी हुई। बारिश का क्रम देर शाम तक जारी रहा। मौसमी कॉकटेल ने लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया। सैलानी भी होटलों से बाहर नहीं निकल पाए। दैनिक कार्य प्रभावित हुए। पर्यटन से जुड़े कारोबारियों का कारोबार ठप रहा। नाव चालक, टैक्सी चालक व पर्यटन स्थलों में कारोबारी हाथ में हाथ धरे बैठे रहे। कड़ाके की ठंड पड़ने से लोगों आग व हीटर का सहारे लेने के लिए मजबूर हुए। जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त रहा। मौसम विभाग की मानें तो रविवार से मौसम में सुधार आ जाएगा।

अधिकतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस

जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आ‌र्द्रता अधिकतम 95 व न्यूनतम 70 प्रतिशत दर्ज की गई। बारिश दस मिमी हुई। इंसेट सूर्य के करीब होने के बावजूद पड़ रही भीषण ठंड सूर्य भले ही इन दिनों हमारे सर्वाधिक करीब होता हो, लेकिन कड़ाके की ठंड का सामना भी इन्हीं दिनों करना पड़ता है। इसकी मुख्य वजह इन दिनों सूर्य की किरणे उत्तरी गोलार्ध में तिरछी पड़ती हैं।

सूर्य की दूरी धरती से कम हुई

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ सौर वैज्ञानिक डॉ. वहाबउद्दीन के अनुसार इन दिनों सूर्य की दूरी धरती से 147.1 करोड़ किमी रह जाती है। साल के मध्य में यह दूरी बढ़कर 152.1 करोड़ किमी हो जाती है। इन दोनों के बीच औसत दूरी 149.6 करोड़ किमी मानी जाती है। सूर्य इन दिनों धरती के सर्वाधिक करीब तो है, लेकिन धरती के अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुकी होने के कारण सूर्य की किरणे उत्तरी गोलार्ध पर तिरछी पड़ने के कारण यहां ठंड पड़ती है। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्ध में किरणे सीधी पड़ने के कारण वहां गर्मी का मौसम होता है।

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