गौलापार चिड़ियाघर में तस्करों ने काटे 40 पेड़, डीएफओ ने दो टीम गठित की
गौलापार स्थित चिड़ियाघर में तस्करों ने एक बार फिर धावा बोल दिया। खैर के 40 पेड़ों पर आरी चलाने के बाद उन्हें ठिकाने भी लगा दिया गया। घटना के बाद से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अज्ञात तस्करों के खिलाफ फारेस्ट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : गौलापार स्थित चिड़ियाघर में तस्करों ने एक बार फिर धावा बोल दिया। खैर के 40 पेड़ों पर आरी चलाने के बाद उन्हें ठिकाने भी लगा दिया गया। घटना के बाद से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मामले में अज्ञात तस्करों के खिलाफ फारेस्ट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। डीएफओ तराई पूर्वी संदीप कुमार ने दो रेंजों की टीम को तस्करों को पकड़ने में लगाया है।
गौलापार में 412 हेक्टेयर वन भूमि में इंटरनेशनल चिड़ियाघर बनना है। बाउंड्री वाल का काम 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। हालांकि अभी तक जमीन विधिवत तौर पर जू के नाम ट्रांसफर नहीं होने से सुरक्षा की जिम्मेदारी तराई पूर्वी वन विभाग की गौला रेंज पर है।
वन विभाग के मुताबिक 30 नवंबर की रात तस्करों ने इस घटना को अंजाम दिया। उस दौरान रेंजर आरपी जोशी भी अवकाश पर थे। वहीं, सूचना मिलने पर एसडीओ डीएस मर्तोलिया ने जंगल का निरीक्षण किया। बता दें कि डेढ़ साल पूर्व भी तस्करों ने जू के अधीन आने वाले जंगल से एक साथ खैर के 57 पेड़ काट दिए थे। बाद में तस्करों को पकड़ लिया गया था।
खैर का स्वार कनेक्शन : तराई के जंगलों से काटी गई खैर की लकड़ी का अक्सर रामपुर के स्वार से कनेक्शन रहता है। वहां कई आरा मशीन वाले तस्करी में लिप्त है। तराई के लोकल तस्करों संग मिलकर भी वह इन घटनाओं को अंजाम देते हैं।