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पिंडारी के जंगलों में करते थे भालू का शिकार, दिल्ली में बेचते थे भालू का पित्त, पुलिस खंगाल रही अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

तस्कर तारा सिंह दानू बताया कि वह भालू की पित्त बेचने अपने साथी के लिए रुद्रपुर आया था। दिल्ली की पार्टी से उनका सौदा हुआ था उससे पहले ही उसे पकड़ लिया गया। इस दौरान उसका साथी फरार हो गया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 03:49 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 03:49 PM (IST)
पिंडारी के जंगलों में करते थे भालू का शिकार, दिल्ली में बेचते थे भालू का पित्त, पुलिस खंगाल रही अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
बागेश्वर के ऊंचे क्षेत्र पिंडारी ग्लेशियर के आसपास के जंगलों में भालू का शिकार कर पित्त की तस्करी करते थे।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : भालू की 138 ग्राम की पित्त के साथ गिरफ्तार तस्कर के बाद एक और नाम प्रकाश में आया है। फिलहाल वन विभाग और एसटीएफ उसकी तलाश में जुट गए हैं। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक तस्कर बागेश्वर के ऊंचे क्षेत्र पिंडारी ग्लेशियर के आसपास के जंगलों में भालू का शिकार कर पित्त की तस्करी करते थे।

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गुरुवार को वन विभाग और एसटीएफ रुद्रपुर क्षेत्र से एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। उसके पास से 138 ग्राम भालू की पित्त बरामद हुई थी। पूछताछ में उसने अपना नाम कपकोट, बागेश्वर निवासी तारा सिंह दानू बताया था। बताया कि वह भालू की पित्त बेचने अपने साथी के लिए रुद्रपुर आया था। दिल्ली की पार्टी से उनका सौदा हुआ था, उससे पहले ही उसे गिरपु्तार कर लिया गया। इस दौरान उसका साथी फरार हो गया था। इस पर वन विभाग ने वन्य जीव जंतु संरक्षण अधिनियम के तहत तारा सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया था।

निरीक्षक एसटीएफ एमपी सिंह ने बताया कि पूछताछ में एक और तस्कर का नाम सामने आया है। फिलहाल टीम उसकी धरपकड़ में जुटी हुई है। बताया कि तारा सिंह ने पूछताछ में बताया कि वे लोग पिंडारी ग्लेशियर के आसपास के जंगलों में पाए जाने वाले भालू का शिकार करते हैं। जिसके बाद उनकी पित्त को महंगे दामों में बेचते हैं।

बाघ को पकड़ने के लिए वन क्षेत्र में लगे आठ ट्रैप कैमरे व दो पिंजरे

खटीमा: वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए सुरई रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र में आठ ट्रैप कैमरे व दो पिंजरे लगा दिए हैं। इसके अलावा विभाग बाघ की निगरानी में जुट गया है। वहीं बाघ को लेकर ग्रामीणों में लगातार दहशत बनी हुई है।

सुरई रेंज के आरकि्षत वन क्षेत्र डैम में 15 दिनों के भीतर बाघ ने बगुलिया गांव निवासी उमाशंकर एवं झाऊपरसा निवासी रोहित पर हमला उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। दोनों के शव जंगल क्षेत्र में क्षत-विक्षत अवस्था में पड़े मिले थे। दोनों ही शारदा सागर डैम क्षेत्र में घास लेने गए हुए थे।

लगातार दो घटनाओं के बाद से गांव में दहशत बनी हुई है। सुरई रेंज के डिप्टी रेंजर सतीश रेखाड़ी ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए रेंज के आरक्षितवन क्षेत्र 37 लुकाट एवं वन क्षेत्र 29 में दो पिंजरे लगाए गए है। इसके अलावा वन्य जीव विशेषज्ञ डा. जयप्रताप सिंह की टीम ने अलग-अलग जगहों पर आठ ट्रेप कैमरे लगा दिए गए हैं। जिससे बाघ के मूवमेंट को देखा जा सके। विभाग की ओर से बाघ की पूरी निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों को भी जागरुक किया जा रहा है। उन्हें जंगल क्षेत्र में ना जाने को कहा गया है। इसके लिए गांव में बैनर, होरि्डग्स लगाए जा रहे है ताकि वह जंगल क्षेत्र में ना जाए।


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