उत्तर प्रदेश से स्मैक और नेपाल से चरस की धड़ल्ले से हो रही है तस्करी nainital news
भारत-नेपाल सीमा से सटे चंपावत जिले में क्षेत्र में युवा पीढ़ी तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रही है। क्षेत्र में एक वर्ष के अंतराल में अब तक 27 मामले नशे के कारोबार से जुड़े पकड़े गए
खटीमा (ऊधमसिंह नगर), जेएनएन : भारत-नेपाल सीमा से सटे चंपावत जिले में नशे का अवैध कारोबार दिनोदिन बढ़ रहा है। ज्यादातर नशीले पदार्थ यहीं से तस्करी कर पहाड़ के जिलों में भेजे जाते हैं। क्षेत्र में एक वर्ष के अंतराल में अब तक 27 मामले नशे के कारोबार से जुड़े पकड़े गए हैं। जिसमें स्मैक, चरस व अफीम की खेप पकड़ी गई हैं। बावजूद इसके नशे का यह कारोबार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। नेपाल व उत्तर प्रदेश से लगा खटीमा क्षेत्र नशे के सौदागरों के लिए मुफीद बना हुआ है। जिस वजह से चरस व स्मैक की खेप आसानी यहां पहुंच जा रही है। इस मीठे जहर को पाने के लिए युवा अपने ही परिवार वालों से दूर भी होते जा रहे हैं। जंगल से सटा इलाका होने के चलते यहां अवैध रूप से कच्ची शराब बनाने और बेचने का धंधा भी खूब बढ़ रहा है।
2019 में पकड़े गए मामले
माह चरस स्मैक अफीम
जनवरी- 350 ग्राम 105ग्राम
मार्च- 350 ग्राम
मई- 7.97 ग्राम
जून- 5.05 ग्राम 3.22 ग्राम
अगस्त- 7.40 ग्राम 6.00 ग्राम
सितंबर- 6.88 ग्राम 17.35 ग्राम 4.45ग्राम
अक्टूबर .85 ग्राम .2 ग्राम
नवंबर- 14.30 ग्राम
दिसंबर- 5.50 ग्राम
जनवरी 1.12 ग्राम 4.04 ग्राम
कच्ची शराब 144 मामले
नेपाल, उत्तर प्रदेश व पंजाब से की होती है तस्करी
अभी तक पकड़े गए मामलों में चरस की तस्करी पड़ोसी देश नेपाल व कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों से की जाती रही है। स्मैक व अफीम की तस्करी उत्तर प्रदेश के बरेली, हरदोई, पीलीभीत के अलावा पंजाब से की जाती है। तस्कर स्मैक लाकर यहां फुटकर में पुडिय़ों व पॉलीथिन में घूम-घूमकर बेचते है। वहीं संजय पाठक, कोतवाल खटीमा ने बताया कि पुलिस लगातार मादक पदार्थों की तस्करी पर नकेल कस रही है। तमाम मामले पकड़े भी गए हैं। गांव-गांव में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।
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