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हल्द्वानी नगर निगम कार्यकारिणी समिति से छह सदस्य बाहर, सत्तापक्ष-विपक्ष में साधा संतुलन जिम्मेदारी

दो दिसंबर को हुई नगर निगम बोर्ड बैठक में सदन ने कार्यकारिणी समिति के गठन ने लिए मेयर को अधिकृत किया था। बैठक का कार्यवृत्त सामने आ गया है। 12 सदस्यीय कार्यकारिणी से छह सदस्यों को बदला गया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 09:47 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 09:47 AM (IST)
हल्द्वानी नगर निगम कार्यकारिणी समिति से छह सदस्य बाहर, सत्तापक्ष-विपक्ष में साधा संतुलन जिम्मेदारी
डा. रौतेला ने नई कार्यकारिणी में सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच संतुलन साधने का पूरा प्रयास किया है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम की कार्यकारिणी समिति से छह सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसकी जगह छह अन्य पार्षदों को कार्यकारिणी में जगह मिली है। मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला ने नई कार्यकारिणी गठन में सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच संतुलन साधने का पूरा ध्यान रखा है। हालांकि सदन में 33 प्रतिशत भागीदारी रखने वाली महिलाओं की कार्यकारिणी समिति में हिस्सेदारी महज 16.7 प्रतिशत रखी है। दो दिसंबर को हुई नगर निगम बोर्ड बैठक में सदन ने कार्यकारिणी समिति के गठन ने लिए मेयर को अधिकृत किया था। बैठक का कार्यवृत्त सामने आ गया है। 12 सदस्यीय कार्यकारिणी से छह सदस्यों को बदला गया है। विपक्ष की मांग को देखते हुए डा. रौतेला ने नई कार्यकारिणी में सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच संतुलन साधने का पूरा प्रयास किया है। इससे कार्यकारिणी में आने वाले प्रस्तावों को मंजूरी दिलाने में मदद मिलेगी।

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कार्यकारिणी के पुराने सदस्य

धीरेंद्र सिंह रावत, नरेंद्रजीत सिंह रोडू, राजेंद्र कुमार, प्रमोद तोलिया, अंजू देवी, हेमंत शर्मा। इन्हें मिली समिति में जगह : महबूब आलम, मुन्नी कश्यप, इमरान, विनोद दानी, मनोज गुप्ता, नीरज बगड़वाल।

ये हुए बाहर : लईक कुरैशी, धीरज पांडे, चंद्रप्रकाश, अनुराधा नेगी, राजेंद्र सिंह नेगी, शाकिर हुसैन।

यह है नियम

मेयर की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति में 12 सदस्य होते हैं। नगर निगम अधिनियम के मुताबिक चुने गए 12 सदस्यों में छह का कार्यकाल एक वर्ष व छह का दो वर्ष होता है। कार्य अवधि पूरी होने पर नए सदस्यों को कार्यकारिणी में शामिल किया जाता है।

अब पहली बैठक का इंतजार

कोरोना की दूसरी लहर की वजह से पिछले वर्ष कार्यकारिणी समिति की केवल एक बैठक हो पाई थी। नई कार्यकारिणी गठित होने के बाद पहली बैठक का इंतजार है। नेता प्रतिपक्ष व कार्यकारिणी समिति में सदस्य नरेंद्रजीत सिंह रोडू का कहना है कि विकास कार्यों की समीक्षा, बोर्ड प्रस्तावों के अनुपालन व जनहित के विषयों पर निर्णय के लिए प्रत्येक दो माह में कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जानी चाहिए।


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