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वन्‍यजीवों के संरक्षण के लिए बेहतर कार्य करनेवाले छह वनकर्मियों को मिलेंगे एक एक लाख

एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण दिल्ली) बाघ सुरक्षा व वन संरक्षण में बेहतर कार्य करने वाले फील्ड कर्मियों को पहचान देगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 12:09 PM (IST)
वन्‍यजीवों के संरक्षण के लिए बेहतर कार्य करनेवाले छह वनकर्मियों को मिलेंगे एक एक लाख
वन्‍यजीवों के संरक्षण के लिए बेहतर कार्य करनेवाले छह वनकर्मियों को मिलेंगे एक एक लाख

रामनगर, जेएनएन : एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण दिल्ली) बाघ सुरक्षा व वन संरक्षण में बेहतर कार्य करने वाले फील्ड कर्मियों को पहचान देगा। इसके लिए एनटीसीए द्वारा देश के टाइगर रिजर्व व वन प्रभागों में कार्यरत फील्ड कर्मियों को हर साल पुरस्कार देने की पहल शुरू की गई है। एनटीसीए ने हर साल चयनित वन दारोगा, वन रक्षक व वाचर को एक-एक लाख रुपये देने का निर्णय लिया है।

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देश में बाघों के संरक्षण के लिए वर्तमान में पचास टाइगर रिजर्व बनाए गए हैं। टाइगर रिजर्व के बाहर वन प्रभागों में भी बाघों की अच्छी खासी मौजूदगी है। बाघों व अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा फील्ड स्टाफ की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। यही स्टाफ धरातल पर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई चुनौतियों का सामना करता है। वह उस क्षेत्र में वन्यजीवों के सुरक्षा प्लान में अपना सबसे बड़ा योगदान देते हैं। वह सबसे ज्यादा ङ्क्षहसक वन्यजीवों के अलावा शिकारियों व वनों को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधियों के निशाने पर भी रहते हैं, लेकिन उनके कार्यों की पहचान नहीं मिल पाती है। ऐसे में एनटीसीए ने तय किया है कि उन्हें न केवल आर्थिक रूप से सहयोग किया जाए बल्कि उनके बाघ सुरक्षा व वन संरक्षण के कार्यों को पहचान भी दी जाए।

सुरेंद्र महरा, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एनटीसीए ने बताया कि फील्ड स्टाफ के काम को प्रोत्साहन नहीं मिल पाता है। उसे पहचान देने के लिए के लिए यह अवार्ड घोषित किया है। दैनिक श्रमिक घर से दूर रहते है, उनका वेतन कम होता है। वह बाघ संरक्षण में अपनी भूमिका निभा सके। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। देश के टाइगर रिजर्व व वन प्रभागों में से दो वन दारोगा, दो वन रक्षक व दो वाचर को यह पुरस्कार दिया जाना है। 

इन मानकों पर उतरना होगा खरा

  • वन्य जीव सुरक्षा व शिकार के रोकथाम की गतिविधि में योगदान
  • वन्यजीवों के वासस्थलों के प्रबंधन में भूमिका
  • वन्यजीव अपराधों की खोज, जांच व अभियुक्तों की गिरफ्तारी में योगदान
  • वन्यजीवों की निगरानी में योगदान 
  • गांव के पुनर्वास के कार्य में योगदान
  • लोगों की भागीदारी व पर्यावरणीय विकास में योगदान
  • पर्यटन प्रबंधन व अनुपालन कराना

ऐसे मिलेगा इनाम

मानकों पर खरे उतरने वाले फील्ड कर्मी खुद भी अपना नामांकन करा सकता है। इसके अलावा रेंज ऑफिसर द्वारा भी यह आवेदन दिया जा सकता है। इसके बाद टाइगर रिजर्व के निदेशक या डीएफओ द्वारा मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को यह नामांकन भेजा जाएगा। जहां से यह एनटीसीए को भेजा जाएगा। नवंबर तक सभी राज्यों ने यह नामांकन देने है। 


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