भैया दूज पर बहनों ने की लंबी उम्र की कामना, च्यूड़े पूजकर दिया आशीर्वाद Haldwani News
भैया दूज (यम द्वितीया) का पर्व कुमाऊं भर में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों की तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। घरों में देवताओं को च्यूड़े अर्पित किए गए। घर की बुजुर्ग महिला ने परिवार के सदस्यों को च्यूड़े पूजकर आशीर्वाद दिया।
हल्द्वानी, जेएनएन : भैया दूज (यम द्वितीया) का पर्व कुमाऊं भर में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों की तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। घरों में देवताओं को च्यूड़े अर्पित किए गए। घर की बुजुर्ग महिला ने परिवार के सदस्यों को च्यूड़े पूजकर आशीर्वाद दिया।
पौराणिक मान्यता के अनुसार यम द्वितीया के दिन सूर्य पुत्र यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए उनके घर आए थे। भाई को अचानक अपने घर देख यमुना काफी प्रसन्न हुई थी। यमराज ने बहन को वरदान दिया कि हर साल आज के दिन वह बहन से मिलने उसके घर आएंगे। तभी से यम द्वितीया मनाने की परंपरा शुरू हुई। आज के दिन भाई अपने विवाहित बहन के घर जाता है। कुमाऊं में च्यूड़े पूजने की परंपरा है। चियूड़े पूजते हुए जी रया जाग रया, यो दिन मास भेंटने रये का आशीर्वाद दिया।
मंदिरों में किया गया पूजन
यम द्वितीया के दिन मंदिरों में दर्शन और नदियों में स्नान का भी काफी महत्व है। घरों में पूजन करने के बाद लोगों ने देवी मंदिरों में दर्शन किए। शीतला माता मंदिर, प्राचीन हल्दू देवी मंदिर में लोगों की भीड़ रही। नैनीताल के नयना देवी मंदिर, पूर्णागिरि धाम में भी भक्तों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।
रामनगर में उल्लास के साथ मना भैयादूज का पर्व
सोमवार की सुबह से ही बाजार में गहमा गहमी दिखायी दी। बहनों ने अपने भाई के माथे पर तिलक लगा कर उनकी लंबी उम्र की कामना की तो भाइयों ने भी बहनों की रक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान घर के बुजुर्गों का भी आशीर्वाद प्राप्त किया। घर से दूर रहे भाई बहनों ने वीडियो कॉल के जरिये भी भैयादूज की बधाई देते हुए एक दूसरे के जीवन की मंगल कामना की। कई लोगो ने मंदिरों में जाकर भी पूजा अर्चना की। शांति और सौहार्द के पर्व भैयादूज पर मिष्ठान विक्रताओं के यहां काफी हम गहमी रही। कई घरों में हवन, पूजा के कार्यक्रम भी आयोजित किये गए। देर शाम तक विवाहित भाई बहनों का एक दूसरे के घरों में आने जाने का सिल सिला जारी रहा। कई लोगों ने भैयादूज को पर्यावरण से जोड़ते हुए अपनी बहनों के साथ कोसी बायोडाइवरसिटी पार्क में जाकर पौंध रोपण भी किया। देर सांय तक कई घरों मे भजन कीर्तन का कार्यक्रम भी चलता रहा।