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नैनीताल में फ्लैट्स पर फड़ लगाने की अनुमति शाम चार बजे से, सजा लेते हैं सुबह ही

पर्यटन गतिविधियां क्या शुरू हुई मल्लीताल स्थित पंतपार्क फिर अव्यवस्थाओं से घिर गया है। नियत समय से पूर्व फड़ लगाना हो या खुले में खाद्य सामग्री बेचना नियमों को ताक में रख फड़ो का संचालन तो जैसे इन फड़ कारोबारियों की की नियति बन गयी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 10:14 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 10:14 AM (IST)
नैनीताल में फ्लैट्स पर फड़ लगाने की अनुमति शाम चार बजे से, सजा लेते हैं सुबह ही
छूट के बाद पर्यटन गतिविधियां क्या शुरू हुई मल्लीताल स्थित पंत पार्क फिर अव्यवस्थाओं से घिर गया है।

नैनीताल, जेएनएन : कोरोना को लेकर मिली छूट के बाद पर्यटन गतिविधियां क्या शुरू हुई मल्लीताल स्थित पंतपार्क फिर अव्यवस्थाओं से घिर गया है। नियत समय से पूर्व फड़ लगाना हो या खुले में खाद्य सामग्री बेचना, नियमों को ताक में रख फड़ो का संचालन तो जैसे इन फड़ कारोबारियों की की नियति बन गयी है। वहीं पालिका भी कारोबारियों की इस मनमर्जी पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। पालिका की कार्रवाई महज चेतावनी तक ही सीमित है।

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बता दे कि मल्लीताल स्थित पंत पार्क पर्यटकों की चहलकदमी का मुख्य केंद्र है। अतिक्रमण की समस्या को देखते हुए 2018 में हाईकोर्ट के आदेशों के बाद पालिका ने पंत पार्क में फड़ लगाना प्रतिबंधित कर दिया था। जिसके बाद फड़ कारोबारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दुकानें लगाने के लिए वेंडर जोन की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने पालिका को वेंडर जोन चिह्नित करने के आदेश दिए थे। साथ ही वेंडर जोन बन जाने तक पंत पार्क में शाम चार से छह बजे तक चार गुणा छह फीट के दायरे में फड़ लगाने की अनुमति कारोबारियों को दे दी थी।

पालिका ने फड़ लगाने वाले 121 पात्र लोगों की सूची तैयार कर शहर के बारापत्थर, किलबरी और तल्लीताल क्षेत्र में कुल चार स्थानों को वेंडर जोन के रूप में चिन्हित किया। जिसका 121 लोगों को लॉटरी विधि से आवंटन किया जाना था। लेकिन फड़ कारोबारियों ने आवंटन प्रक्रिया को दोषपूर्ण करार देते हुए आवंटन निरस्त करवा दिया।

जिसके बाद पालिका ने वेंडर जोन आवंटन के कई बार प्रयास किये लेकिन आवंटन नही हो पाया। नतीजतन पंत पार्क अतिक्रमण का केंद्र बन गया। ईधर कोरोना और लाकडाउन के बीच पांच माह से भी अधिक समय तक फड़ो का संचालन बंद रहा। पर्यटन गतिविधियां शुरू हुई तो पंत पार्क में फिर फड़ लगने शुरू हो गए। इतना तो सही था, मगर कोरोना काल को देखते हुए पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी ने पात्र 121 लोगों के साथ ही अन्य को भी फड लगाने की अनुमति दे दी। जिसके बाद से ही पंत पार्क में निर्धारित संख्या से अधिक फड़ लगने लगे है। इतना ही नहीं कोर्ट की ओर से निर्धारित शाम चार बजे के बजाए सुबह से ही पार्क में फड़ लगने शुरू हो जाते है। जिसे कोई देखने वाला नहीं हैं। जिस कारण शहरवासियों के साथ ही पर्यटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

खुले में खाना बेच परोस रहे बीमारी

पंत पार्क में अन्य कारोबारियों के साथ ही खाद्य सामग्रियों के फड़ो का भी संचालन किया जा रहा है, लेकिन ये कारोबारी खुले और गंदगी में खाद्य सामग्री बेच बीमारियां परोस रहे है। जिसके बावजूद पालिका अधिकारियों को इसकी सुध तक नहीं है।

बिना मास्क कर रहे कारोबार संक्रमण का भी खतरा

पंत पार्क में कई कारोबारी बिना मास्क पहने ही फड़ो का संचालन कर रहे है। ऐसे में बाहरी पर्यटकों से उन्हें संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है। पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई तो कर रही है, लेकिन चेतावनी के बावजूद कारोबारी एक नहीं मान रहे है।


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