शूटर लखपत के शागिर्द अदनान ने 300 गज की दूरी अल्मोड़ा में आदमखोर तेंदुए काे को शूट किया
अल्मोड़ा में बच्ची को मार डालने वाले आदमखोर तेंदुए को गोली मार दी गई है। विशेषज्ञ शूटर लखपत सिंह रावत की निगरानी में उनके शागिर्द अली अदनान ने करीब 300 गज की दूरी से तेंदुए पर दो निशाने साधे जो उसकी पीठ व कंधे को पार कर गई।
अल्मोड़ा, जेएनएन : अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण के बाड़ीकोट वार्ड में बच्ची को मार डालने वाले आदमखोर तेंदुए को गोली मार दी गई है। विशेषज्ञ शूटर लखपत सिंह रावत की निगरानी में उनके शागिर्द अली अदनान ने करीब 300 गज की दूरी से तेंदुए पर दो निशाने साधे जो उसकी पीठ व कंधे को पार कर गई। गोलियां लगने के बाद दर्द से कराह रहा गुलदार ढलान वाली पहाड़ी में झाडिय़ों में जा घुसा। घायल होने के बाद उसके आक्रामक होने की आशंका में पूरे इलाके में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। निगरानी के लिए 13 सदस्यीय विभागीय टीम मुस्तैद कर दी गई है। डीएफओ महातिम सिंह यादव ने कहा कि तेंदुए का शव मंगलवार को वन्यजीव चिकित्सालय लाया जाएगा।
बीती 19 सितंबर की शाम नगर पंचायत के गांधी नगर वार्ड स्थित बाड़ीकोट में घर से कुछ दूर खेल रही सात वर्षीय दिव्या को गुलदार उठा ले गया था। लगभग डेढ़ घंटे बाद उसका शव झाडिय़ों से बरामद हुआ। गुलदार के हमले में तीन अन्य बच्चे बाल बाल बचे थे। डीएफओ महातिम सिंह यादव की सिफारिश पर 23 सितंबर को वन्यजीव प्रतिपालक ने गुलदार को मानव के लिए खतरा बताते हुए आदमखोर घोषित किया था। हालांकि डीएफओ ने गुलदार को पहले पिंजड़े में कैद या ट्रैंकुलाइज करने पर फोकस किया था। बाद में देहरादून से जहीर बख्शी समेत पांच शिकारियों को लगाया गया। आदमखोर के पैंतरा बल दिए जाने पर विशेषज्ञ शूटर लखपत सिंह रावत ने बीती दो अक्टूबर को गढ़वाल से यहां पहुंच मोर्चा संभाला।
जहां पर बच्ची को मारा, वहीं पर मंडराया
सोमवार शाम विशेषज्ञ शूटर लखपत सिंह अपने शागिर्द बिजनौर निवासी राष्टï्रीय निशानेबाज अली अदनान, वन क्षेत्राधिकारी हरीश टम्टा आदि के साथ लेपर्ड कॉरिडोर पर निकले। बाड़ीकोट में जहां पर बच्ची का शव छोड़ गया था, वहीं पर आदमखोर गुलदार पहुंच गया। लखपत सिंह ने पूरी तरह प्रशिक्षित करने के बाद अली अदनान को गोली मारने को कहा। करीब 300 से 350 गज की दूरी से शिकारी अदनान ने एक के बाद दूसरी दो गोलियां दागी। अदनान का यह पहला शिकार है। वह वर्ष 2007 से अधिकृत शिकारी के रूप में काम कर रहा।
इस वर्ष यह दूसरा आदमखोर ढेर
वर्ष 2018 में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत व पिथौरागढ़ में गुलदार मानव संघर्ष में 12 ग्रामीणों जान गवां बैठे। 70 घायल हुए। साल 2019 में 15 शिकार बने, 75 घायल। इस वर्ष गुलदार के हमले में अब तक पांच लोग मारे जा चुके, 42 घायल भी हुए। वहीं इन तीन वर्षों में चार जिलों में तीन गुलदारों को नरभक्षी होने की कीमत चुकानी पड़ी है। वहीं 40 गुलदार बेमौत मारे गए। राज्य गठन से अब तक 155 गुलदार आदमखोर घोषित व 90 से ज्यादा ढेर किए जा चुके हैं। अल्मोड़ा में इस वर्ष अब तक यह दूसरा गुलदार मारा गया।
अल्मोड़ा डिवीजन में हालात विकट
अन्य पर्वतीय जिलों की तुलना में अल्मोड़ा डिवीजन (रिजर्व व सिविल) में हालात तेजी से बिगड़े हैं। यहां पिछले पांच साल में अब तक 21 लोग जान गंवा चुके। बीती छह जुलाई की शाम डूंगरी ग्राम पंचायत (भैंसियाछाना ब्लॉक) के उडल तोक में ढाई वर्षीय बच्चे को गुलदार उठा ले गय था। इसके तीन दिन बाद ही पेटशाल में गुलदार ने बुजुर्ग महिला को निवाला बना लिया था। बीती 19 सितंबर की शाम भिकियासैंण के बाराकोट में बच्ची शिकार बनी।