योग्यता के दम पर तलाशें तरक्की का रास्ता
बॉलीवुड गायिका शैरोन प्रभाकर का कहना है कि उनका गायिकी और थिएटर से हमेशा जुड़ाव रहा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : बॉलीवुड गायिका शैरोन प्रभाकर का कहना है कि उनका गायिकी और थिएटर से हमेशा जुड़ाव रहा है। उनका प्रयास रहा है कि युवा पीढ़ी गायिकी को कॅरियर बनाए और संगीत की बारीकियां सीखे। उन्होंने योग्यता के दम पर तरक्की का रास्ता तलाशने को सबसे बेहतर करार दिया।
'पीछे-पीछे आजा मेरी चाल देखी, काले-काले घुंघराले..समेत अन्य गीतों की गायिका शैरोन प्रभाकर मंगलवार को शहर के एक स्कूल के वार्षिकोत्सव के दौरान मीडिया से मुखातिब हुई। बताया कि वह युवा पीढ़ी को संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए मोटिवेशनल क्लब का संचालन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कला के क्षेत्र मे अधिक रूचि ले रही है, जिससे युवा व नए कलाकारों को इसका फायदा मिल रहा है। उन्होंने बताया कि वह कई अंतराष्ट्रीय शो कर चुकी हैं। सिंगापुर में हुए एक कार्यक्रम में उन्हें विश्व की बेहतर सात आवाजों मे शामिल किया गया। कहा कि पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है पर बाहर न जाने से यहां की प्रतिभा दबती जा रही है। खासकर लड़कियों को इस क्षेत्र में हिम्मत के साथ आगे बढ़ना होगा। दावा किया कि यदि वह छह महीने युवाओं के साथ काम करती है तो तमाम युवा दक्ष हो जाएंगे। मी-टू पर बोलीं शैरोन, लालच से मंजिल तक पहुंचना ठीक नहीं
महिलाओं के मीटू अभियान पर शैरोन ने कहा कि अपनी काबिलियत पर कार्य करना चाहिए लालच से मंजिल तक पहुंचना ठीक नहीं। प्रतिभा व साहस से ही संघर्ष होता है। यदि संघर्ष करने के बाद सफलता मिले तो कभी समझौता नहीं करना पडेगा। संघर्ष से सफलता मिलेगी तो मी-टू जैसी मुहिम की जरूरत ही नहीं होगी।