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Lunar Eclipse 2020 : उपछाया चंद्रग्रहण आज, नहीं होगा कोई प्रभाव, इस माह एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण भी होगा

इस महीने दो उपछाया चंद्रग्रहण व एक कंकण आकृति सूर्य ग्रहण हैं। साल में दो सूर्य व चार चंद्रग्रहण होंगे। पांच जून की रात 11.20 बजे से 2.35 बजे के बीच उपछाया चंद्रग्रहण होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 11:47 AM (IST)
Lunar Eclipse 2020 : उपछाया चंद्रग्रहण आज, नहीं होगा कोई प्रभाव, इस माह एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण भी होगा
Lunar Eclipse 2020 : उपछाया चंद्रग्रहण आज, नहीं होगा कोई प्रभाव, इस माह एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण भी होगा

जेएनएन, हल्द्वानी : एक माह में तीन ग्रहण हैं। शुक्रवार को उपछाया चंद्रग्रहण से इसकी शुरुआत होगी। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक ही सीध में होते हैं तो चंद्रग्रहण लगता है। ऐसे में पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है और सूर्य की किरणें चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती। ज्योतिषियों के अनुसार इस ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा। ऐसे ग्रहण का कोई बड़ा प्रभाव नहीं होता। शहर के मंदिरों में भी कोई विशेष अनुष्ठान, शुद्धीकरण आदि नहीं होंगे। इस महीने दो उपछाया चंद्रग्रहण व एक कंकण आकृति सूर्य ग्रहण हैं। साल में दो सूर्य व चार चंद्रग्रहण होंगे। पांच जून की रात 11.20 बजे से 2.35 बजे के बीच उपछाया चंद्रग्रहण होगा। आचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस ग्रहण में चंद्र के आकार-प्रकार में कोई अंतर नहीं होगा और न कोई भाग ग्रसित होगा। इस कारण पांच जून को होने वाले चंद्रग्रहण का मंदिर में कोई प्रभाव नहीं रहेगा। मंदिर में शुद्धीकरण आदि भी नहीं होगा। शुक्रवार को पूर्णमासी का व्रत होगा। इसे व्रत, दान-स्नान की पूर्णमासी माना गया है। लक्ष्मी नारायण पूजन का विशेष फल मिलता है।

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क्या होता है सूतक काल

चंद्र ग्रहण से पहले के समय को सूतक काल कहा जाता है। इसलिए ग्रहण लगने से पहले किसी भी तरह के शुभ कार्यों को रोक दिया है। सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू होता और ग्रहण खत्म होने के ही साथ खत्म हो जाता है। सूतक काल, ग्रहण रात को 2 बजकर 32 मिनट पर खत्म होगा और इसके साथ ही सूतक काल भी खत्म हो जाएगा। सूतक चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों के समय लगता है।

सूतक काल में हमें कुछ खास बातों का ध्यान रखाना चाहिए। किसी बच्चे के जन्म लेने के बाद भी उस घर के सदस्यों को सूतक की स्थिति में बिताने होते हैं। सूतक काल में किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता, यहां तक की कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के दौरान बंद कर दिये जाते हैं। आज चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण सूतक काल का प्रभाव कम रहेगा।

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