26 जनवरी की रात को बनेगा दुर्लभ संयोग, दर्शन देंगे सातों ग्रह
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी की रात एक दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। हमारे सौर परिवार के सातों ग्रह एक रात में दर्शन देने जा रहे हैं।
नैनीताल, [रमेश चंद्रा]: हमारे सौर परिवार के सातों ग्रह एक रात में दर्शन देने जा रहे हैं। सांझ ढलने के बाद आसमान में वीनस उदयमान होगा तो भोर होने से पहले गुरु व शनि अनुपम छटा बिखेर रहे होंगे। यह दुर्लभ संयोग गणतंत्र दिवस 26 जनवरी की रात बनने जा रहा है।
आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे ने बताया कि साल में एक बार ही सभी ग्रहों को एक रात में देखने का संयोग बनता है। सूर्य हमारे सौर परिवार का मुखिया है। सभी ग्रह अपने कक्षा में उसका चक्कर लगाते हैं। अक्सर कोई न कोई ग्रह सूर्य के पीछे आ जाता है। जिस कारण सभी को एक रात में नहीं देखा जा सकता है। इस बार यह संयोग जनवरी के उत्तरार्ध में बन रहा है।
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26 जनवरी की रात को इन्हें बखूबी देखा जा सकता है। इन ग्रहों में प्रेम की देवी कहे जाने वाली वीनस, गुरु, शनि व मंगल को कोरी आंखों से देखा जा सकता है। बुध को भी देखा जा सकता है, लेकिन सूरज के काफी नजदीक होने के कारण थोड़ा मुश्किल होता है। नेपच्यून व यूरेनस को दूरबीन से देखा जा सकेगा। छोटी दूरबीन से सभी ग्रहों को बेहतर ढंग़ से निहारा जा सकता है। बुध को सूर्यास्त व सूर्योदय के समय सूर्य के निकट देखा जा सकता है। इसके अलावा सांझ ढलने के बाद वीनस को आसानी से देखा जा सकता है।
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साथ ही लाल ग्रह मंगल के अलावा नेपच्यून व यूरेनस को देखा सकेगा। सूर्योदय से कुछ घंटे पहले एक तरफ शनि नजर आएगा तो विशाल ग्रह बृहस्पति भी अपनी चमक बिखेरता हुआ नजर आएगा। यह दुर्लभ संयोग वैज्ञानिकों के आब्र्जेवेशन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
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दुलर्भ नजारे के गवाह बनेंगे खगोल प्रेमी
इस दुर्लभ नजारे का गवाह बनने के लिए खगोल के प्रति लगाव रखने वाले खगोल प्रेमी 26 जनवरी को मुक्तेश्वर में जमा होने जा रहे हैं। जिनमें विभिन्न क्षेत्रों से खगोलविदों समेत फोटोग्राफर व कई अन्य लोग शामिल होंगे। कार्यक्रम के आयोजक गुरुग्राम हरियाणा के अजय तलवार ने बताया कि इस कार्यक्रम का नाम सोलर सिस्टम मैराथन दिया है।