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लंपी डिजीज से बचाव को डॉक्टर की जरूरी सलाह, बीमार होते ही पशु को कर दें आइसोलेट, स्वच्छता पर दें ध्यान

tips for prevention of lumpy disease लंपी बीमारी से ग्रस्त पशुओं के दूध और उनके संपर्क को लेकर भी कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। डा. पाठक ने परामर्श दिया कि शुरुआती समय में प्रतिमाह कीड़े की दवाई खिलाएं। इसके बाद खून की जांच करवा लें।

By JagranEdited By: Rajesh VermaPublished: Sun, 25 Sep 2022 07:05 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 07:05 PM (IST)
लंपी डिजीज से बचाव को डॉक्टर की जरूरी सलाह, बीमार होते ही पशु को कर दें आइसोलेट, स्वच्छता पर दें ध्यान
tips for prevention of lumpy disease : कुमाऊं भर से फोन करने वालो लोगों को परामर्श दिया

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : tips for prevention of lumpy disease : लंपी बीमारी से ग्रस्त पशुओं के दूध और उनके संपर्क को लेकर भी कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। लंपी से संक्रमित पशुओं का दूध मनुष्य के लिए हानिकारक नहीं है, लेकिन सावधानी के तौर पर इसे 100 डिग्री सेल्सियस तक उबालकर पीना चाहिए। यह कहना है वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डा. आरके पाठक का।

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कुमाऊं के लोगों को दी सलाह

डॉ. आरके पाठक रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन करने वालो लोगों को परामर्श दिया और कहा, संक्रमित पशु को आइसोलेट कर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

पशुओं के बांझपन की समस्या को ऐसें दूर करें

पशु के बांझपन की समस्या को लेकर डा. पाठक ने परामर्श दिया कि शुरुआती समय में प्रतिमाह कीड़े की दवाई खिलाएं। इसके बाद तीन से चार महीने में खून की जांच करवा लें। उन्होंने कहा कि पशुओं को ऊर्जा के साथ प्रोटीन, खनिज और विटामिन की आपूर्ति करने वाला एक अच्छी तरह से संतुलित आहार दिया जाना चाहिए। तराई में यह स्थिति अधिक होती है, इसलिए तीसरे माह से मिनरल मिक्चर दें, यह गर्भाधान की दर में वृद्धि करता है।

पालतू कुत्ते को बारिश में भीगने से बचाएं

लोगों ने पेट डाग में स्किन इंफेक्शन और पंजों में खुजली की समस्याओं से संबंधित सवाल भी पूछे। जिस पर डा. पाठक ने कहा कि बारिश के दौरा पेट डाग को बारिश में भीगने से बचाएं। यदि भीग जाता है तो उसे नहलाने के बाद साफ कपड़े से पोंछ दें। पेट डाग की त्वचा कमजोर होती है, इसलिए जोर नहीं पोंछना चाहिए। अधिक समस्या होने पर नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

इन्होंने भी लिया परामर्श

हल्द्वानी से हरेंद्र कुमार मिश्रा, गायत्री विहार मल्ली बमौरी से राजेंद्र कुमार पांडे, लामाचौड़ से महेश भट्ट, रामनगर से महेश चंद्र, कोटाबाग से पूरन चंद्र भट्ट, बागेश्वर के जाखड़ से जोगा सिंह मेहता, टनकपुर से ललित मोहन, शक्तिफार्म से योगेंद्र सिंह रावत, रुद्रपुर से नरेंद्र सिंह छाबड़ा, केबी सिंह, विकास गुप्ता, विजय पाल सिंह, अनुग्रह त्रिपाठी।

लोगों ने किए ये सवाल

सवाल : लंपी स्किन डिजीज बीमारी क्या है? इससे पशु को बचाने के लिए क्या करें?

- रुद्रपुर से श्रीपति झा, रुद्रपुर से मनोज कुमार पांडे

डाक्टर- लंपी एक संक्रामक रोग और विषाणुजनित बीमारी है। यह बीमारी गोवंशीय पशुओं में मिल रही है और तेजी से फैल रही है। इस रोग का संचरण पशुओं में मक्खी, चीचडी व मच्छरों के काटने से होता है। इससे प्रभावित पशुओं में बुखार व शरीर में जगह-जगह गांठें उभरे दिखती हैं। वह चारा खाना बंद कर देती है। इस बीमारी से बचाव के लिए पशु का टीकाकरण अवश्य करवा लें।

सवाल- निश्शुल्क टीकाकरण के लिए कहां संपर्क करें?

- हल्द्वानी से तारा सिंह रौतेला व राधा बेलवाल

डाक्टर- पशुओं को लंपी स्किन डिजीज से बचाने के लिए पशुपालन विभाग निश्शुल्क टीकाकरण करवा रहा है। पशुपालन विभाग के चिकित्सालयों व पशु सेवा केंद्रों में संपर्क कर टीकाकरण करवा लें। साथ ही निर्धारित केंद्रों में इलाज के लिए भी परामर्श मिलेगा।


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