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गुरुग्राम हत्‍याकांड का सबक, इस एसएसपी का कदम पूरे देश के लिए बन सकता है नजीर

नैनीताल एसएसपी ने माननीयों की सुरक्षा में तैनात गनर की काउंसलिंग करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान उनकी पारिवारिक, निजी दिक्कतों के साथ दु:ख-तकलीफ के बारे में फीडबैक लिया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 11:08 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 11:08 AM (IST)
गुरुग्राम हत्‍याकांड का सबक, इस एसएसपी का कदम पूरे देश के लिए बन सकता है नजीर
गुरुग्राम हत्‍याकांड का सबक, इस एसएसपी का कदम पूरे देश के लिए बन सकता है नजीर

किशोर जोशी,  नैनीताल : हरियाणा के गुरुग्राम में सनकी गनर के एडीजे की पत्नी व बेटे को गोली मारने की घटना के बाद अब जिले का पुलिस महकमा भी अलर्ट हो गया है। नैनीताल एसएसपी ने सीओ व एसएचओ को माननीयों की सुरक्षा में तैनात गनर की काउंसलिंग करने के निर्देश दिए हैं। काउंसलिंग के दौरान उनकी पारिवारिक, निजी दिक्कतों के साथ ही दु:ख-तकलीफ के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। छिटपुट विवादों के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटाएगी।

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दरअसल, गुरुग्राम की घटना ने माननीयों को सुरक्षा मुहैया कराने वाले तंत्र को हिला कर रख दिया है। एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने बताया कि पूरे जिले में पुलिस महकमे की ओर से मुहैया कराए गए सुरक्षा कर्मियों की काउंसलिंग करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। काउंसलिंग की जिम्मेदारी क्षेत्राधिकारी व निरीक्षक को सौंपी गई है। जिले में महानुभावों को ऐसे कुल 34 गनर मुहैया कराए गए हैं।

तीन महीने की पोस्टिंग का है नियम

एसएसपी ने बताया कि नियमानुसार, गनर की तैनाती तीन माह के लिए की जाती है, मगर सभी गनर इस अवधि को पार चुके हैं। इनकी पोस्टिंग वर्षों से एक ही शख्स की सुरक्षा में है। ऐसे में नई परिस्थितियों के बाद सालों से जमा गनर को बदलने की अटकलें जोर पकडऩे लगी हैं।

जिले में इन महानुभावों को उपलब्ध कराए गए हैं गनर

हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा, वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्टï, न्यायाधीश सुधांशु धूलिया, न्यायमूर्ति आलोक सिंह, न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह, न्यायमूर्ति मनोज तिवारी, न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, एडवोकेट जनरल एसएल बाबुलकर, रजिस्ट्रार जनरल प्रदीप पंत, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रशांत जोशी, जिला जज नरेंद्र दत्त, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरविंद नाथ त्रिपाठी, अधिवक्ता अंजलि भार्गव, कमिश्नर राजीव रौतेला, डीएम विनोद कुमार सुमन, सीडीओ विनीत कुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष सुमित्रा प्रसाद, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, विधायक बंधीधर भगत, विधायक दीवान सिंह बिष्टï, विधायक नवीन दुम्का, विधायक संजीव आर्या, विधायक राम सिंह कैड़ा।

महानुभावों की कृपा पर सालों से हैं जमा

महानुभावों के रहमोकरम की वजह से जिले में तैनात गनर वर्षों से एक ही अतिविशिष्ट व विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में तैनात हैं। प्रतिसार निरीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, डीएम के गनर छह साल से नहीं बदले गए हैं, जबकि हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के गनर दो से नौ साल तक जमे हुए हैं। हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के गनर तो अल्मोड़ा पुलिस से, जबकि दूसरे चम्पावत जिले से हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यदि तीन माह बाद गनर को बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाती है तो महानुभावों द्वारा हस्तक्षेप कर फिर से उसी की तैनाती करा दी जाती है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एक माननीय के गनर को अभद्रता करने पर निलंबित कर दिया गया था। कपितय अन्य गनर द्वारा सीनियर्स से रॉब झाडऩे के चर्चे पुलिस महकमे में आम हैं।


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