आखिर क्यों नहीं परिजनों ने दर्ज कराया मुकदमा, किसका है दबाव
बेटी के साथ इस तरह की घटना होने के बावजूद परिजन न जाने किसके दबाव में मुकदमा दर्ज नहीं कराया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बेटी के साथ इस तरह की घटना होने के बावजूद परिजन न जाने किस दबाव में मुकदमा दर्ज करवाने को तैयार नहीं थे। सुबह से शाम तक पुलिस परिजनों को समझाते रही, लेकिन वो नहीं माने। बाद में एक समाजसेवी ने आगे आकर मुकदमा दर्ज करवाया।
17 सितंबर को मां जब साढ़े चार साल की मासूम को डॉक्टर के पास लेकर पहुंची तो इस अमानवीय कृत्य का पता चला। बच्ची ने जब अपने साथ हुए अत्याचार को बयां किया तो मामला पुलिस तक पहुंचा। जिसके बाद परिजनों को थाने बुलाकर पुलिस ने पूरा मामला समझा। मासूम की मां और पिता दोनों से पुलिस ने अलग-अलग बात की। वहीं घटना का पता लगने पर थाने में समाजसेवी व महिला संगठन से जुड़े लोगों का भी जमावड़ा लग गया। पुलिस के साथ उन्होंने भी परिजनों को समझाया कि इस मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज करवाना चाहिए। लेकिन पता नहीं किस दबाव में वो हर बार इंकार करते रहे। पुलिस ने उनसे कहा कि किसी से घबराने की जरूरत नहीं। परिवार को सुरक्षा भी मिलेगी। लेकिन वो नहीं समझे। कड़ी मशक्कत के बाद एक बार वो सिर्फ बच्ची से मारपीट की तहरीर देने को तैयार हुए। वहीं समाजसेवी अनिल कुमार गुप्ता ने थाने पहुंचकर मुकदमा दर्ज करवाया। रात में एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव व सीओ डीसी ढौंडियाल ने थाने पहुंच घटना की जानकारी जुटाई। धाराएं बढाई जाएंगी
एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में परिजनों की जगह किसी अन्य ने मुकदमा दर्ज करवाया है। बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद धाराएं बढ़ सकती है। जांच के दौरान किसी अन्य की सलिंप्तता आने पर उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। दोषी के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
प्रधानाचार्य केवीएम कमलेश भंडारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर पुलिस की पूरी मदद की गई है। स्कूल प्रबंधन पीड़ित बच्ची व परिवार के साथ है। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।