प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत बागेश्वर में अनुसूचित बाहुल्य 16 गांवों के दिन बहुरेंगे
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत बागेश्वर जिले के 16 गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों को सभी तरह की सुविधाओं से लैस करने का निर्णय लिया गया है। इन गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं।
बागेश्वर, घनश्याम जोशी : प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत बागेश्वर जिले के 16 गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों को सभी तरह की सुविधाओं से लैस करने का निर्णय लिया गया है। इन गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य इन गांवों का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है और यह योजना तीन सालों तक चलेगी।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की थीम पर अब 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या वाले एससी गांवों के अच्छे दिन आने वाले हैं। प्राथमिक चरण में गरुड़, बागेश्वर और कपकोट क्षेत्र के ऐसे 16 गांवों को इस योजना के लिए चयनित किया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को आदर्श बनाना और वहां सभी प्रकार की सुविधाएं देना है।
यह योजना तीन साल तक संचालित की जाएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी एनएस गस्याल ने बताया कि अनुसूचित जाति बाहुल्य इन गांवों का एकीकृत विकास संभव हो सकेगा। सामाजिक, आर्थिक विकास के द्वार खुलेंगे। पानी, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, समाज सुरक्षा, सड़क, आवास, बिजली, स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धतियां, वित्तीय समावेश, डिजिटलीकरण, आल वेदर रोड और कौशल विकास में सुधार होगा।
इन गांवों का हुआ चयन
बागेश्वर ब्लाक के सिमकुना, अनर्सा, चौगांवछीना, भटखोला, चक-किमखोली, ओखलीसिरौद, भेरूचबट्टा, घटगाड़, सैंज, झड़कोट, आरे, चौरा, गरुड़ में लखनी, लमचूला, उड़खुली, कपकोट में चचई और रिखाड़ी गांवों को शामिल किया गया है।
ठोस और द्रव्य अपशिष्ट निपटान
चयनित गांवों में स्वचछता और संरचनात्मक विकास, ठोस, द्रव्य अपशिष्ट पदार्थ का निपटान सुविधा की स्थापना, स्कूलों और आंगनबाड़ी में शौचालय निर्माण, हर मौसम के अनुकूल सड़कों का निर्माण, सोलर और स्ट्रीट लाइटें, स्वास्थ्य पोषण आदि पर बेहतर काम होगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि पीएमजीवाइ निधियों का उपयोग करने की समय सीमा नए गांव के लिए धनराशि जारी करने की तिथि से दो साल की होगी। वित्त पोषण के एक साल अतिरिक्त दिया जाएगा। चयनित गांवों में तीन साल के भीतर बुनियादी सुविधाएं प्रदन कर आदर्श गांव की परिकल्पना साकार होगी।