Move to Jagran APP

नारायणगूंठ में प्राकृतिक स्रोतों के अभाव के बावजूद सविता ने दिलाया भरपूर जल

गांव में पेयजल स्रोत थे लेकिन वह सूखने के कगार पर पहुंच गए। सविता ने प्रधान कार्यालय में कीमू बांज फल्यांट क्वैराल भिमल अखरोट आदि पौधारोपण स्थानीय गधेरों में करना शुरू किया। गधेरों में जलसंरक्षण की दिशा में बेहतर काम हुआ।

By Prashant MishraEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 05:35 PM (IST)
नारायणगूंठ में प्राकृतिक स्रोतों के अभाव के बावजूद सविता ने दिलाया भरपूर जल
पौधारोपण कर वह जलसंरक्षण और संवर्धन के लिए आगे बढ़ रही हैं।

घनश्याम जोशी, बागेश्वर : मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो विपरीत परिस्थितियां भी सफलता में आड़े नहीं आती। विशेषकर महिला होकर महिलाओं के लिए काम करना एक जज्बे से कम नहीं है। नारायणगूंठ गांव की सविता नगरकोटी भी मन की सुनती हैं और समाज में व्याप्त कुरीतियों के लिए संघर्ष करतीं हैं। गांव में प्राकृतिक पानी के स्रोत नहीं होने के बावजूद उनका गांव आज पेयजल के लिए आत्मनिर्भर बनने लगा है। अलबत्ता पौधारोपण कर वह जलसंरक्षण और संवर्धन के लिए आगे बढ़ रही हैं।

loksabha election banner

       कांडा तहसील के नारायणगूंठ निवासी सविता नगरकोटी 2003 से 2020 तक दो बार लगातार गांव की प्रधान रहीं। उनके गांव में पेयजल संकट था और बद्रीनाथ-लेक्सूना पेयजल योजना गांव के लिए बनी थी। लेकिन कांडा पड़ाव, अस्पताल और विद्यालयों तक वह पानी पहुंच पाता था। गांव में पेयजल स्रोत थे, लेकिन वह सूखने के कगार पर पहुंच गए। सविता ने प्रधान कार्यालय में कीमू, बांज, फल्यांट, क्वैराल, भिमल, अखरोट आदि पौधारोपण स्थानीय गधेरों में करना शुरू किया। इसके अलावा देव मंदिर हरु-सैम, ग्वल देवता और पौराणिक मंदिरों में भी देवधार आदि के पौध लगाए। लगभग 500 पौधे वर्तमान में पेड़ बन गए। गधेरों में जलसंरक्षण की दिशा में बेहतर काम हुआ। लेकिन गांव के लिए पेयजल की सुविधा पूरी नहीं हो सकी। प्रधान रहते हुए सविता ने बद्रीनाथ-लेक्सूना पेयजल योजना के पुनर्गठन का बीड़ा उठाया और लगभग 3.50 लाख रुपये जिला योजना से प्राप्त किए। गांव की जनसंख्या लगभग 500 है। प्रत्येक छह से सात और आठ से दस परिवारों को एक स्टैंप पोस्ट से पानी की आपूर्ति हो रही है।

अवैध कनेक्शन किए वैध

सविता ने कांडा पड़ाव में अवैध पेयजल कनेक्शन के लिए जंग लड़ी। लोगों को उन्हें वैध करना पड़ा। इसके अलावा गांव के लिए अलग पानी की टंकी का निर्माण किया और नई पाइप लाइन बिछाई। सिंचाई के लिए एक नहर बनाई। जिससे अलकन्या गांव तक के काश्तकारों को लाभ मिल रहा है। प्याज और लहसून की फसल वर्तमान में लहलहा रही है।

निर्मल ग्राम पंचायत का पुरस्कार

सविता नगरकोटी को 2007 में निर्मल ग्राम पंचायत का पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अलावा 2016 में ब्लॉक स्तर पर उन्हें बेहतर काम के लिए सम्मानित किया। 2019 में महिलाओं के लिए उत्कृष्ट कार्य करने पर राज्य सरकार ने उन्हें सम्मान दिया।

सविता नगरकोटी हमारा क्षेत्र सूखा है और ऊंचाई पर होने के कारण जलस्रोत नहीं हैं। बाजवूद उनके गांव नारायणगूंठ में पेयजल की वर्तमान में कोई कमी नहीं है। विकलांग, विधवा, अनाथ, पीड़ित महिलाओं के साथ ही जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में काम कर रही हूं।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.