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दो सप्ताह से बंद सल्ला- रौतगड़ा सड़क, बिजली आपूर्ति ठप, सड़क बंद होने से नहीं पहुंच पा रहे हैं विद्युत उपकरण

दो सप्ताह पूर्व हुई भारी बारिश से सल्ला- रौतगड़ा सड़क जगह- जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके चलते दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। भूस्खलन से क्षेत्र को बिजली आपूर्ति करने वाले लाइन का पोल भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 05:32 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 05:32 PM (IST)
दो सप्ताह से बंद सल्ला- रौतगड़ा सड़क, बिजली आपूर्ति ठप, सड़क बंद होने से नहीं पहुंच पा रहे हैं विद्युत उपकरण
क्षेत्रवासियों ने कहा है कि दो दिन के भीतर सड़क नहीं खोली जाती है तो वे प्रदर्शन करेंगे।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : नेपाल सीमा को जोडऩे वाली सल्ला-रौतगड़ा सड़क पिछले दो सप्ताह से बंद पड़ी है। क्षेत्र में क्षतिग्रस्त विद्युत पोल को ठीक करने के लिए विद्युत विभाग की टीम नहीं पहुंच पा रही हैं। क्षेत्र के तमाम गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं।

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दो सप्ताह पूर्व हुई भारी बारिश से सल्ला- रौतगड़ा सड़क जगह- जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके चलते दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। भूस्खलन से क्षेत्र को बिजली आपूर्ति करने वाले लाइन का पोल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे कई गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं। ग्रामीणों ने आपूर्ति भंग होने की सूचना विभाग को दे दी है। ऊर्जा निगम सड़क खुलने का इंतजार कर रहा है। विभाग का कहना है कि सड़क खुलने के बाद ही विद्युत पोल क्षेत्र में पहुंचाया जा पाना संभव है। इसके बाद ही विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकेगी। आपूर्ति भंग होने से ग्रामीणअपने मोबाइल फोन तक चार्ज नहीं कर पा रहे हैं।

पीएमजीएसवाई विभाग की ओर से सड़क खोलने के लिए कोई पहल नहीं होने से क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश है। क्षेत्रवासियों ने कहा है कि दो दिन के भीतर सड़क नहीं खोली जाती है तो वे पैदल चलकर जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे।

अतिवृष्टि प्रभावित दो परिवारों के लिए रेडक्रास ने लगाए टेंट, पीडि़त परिवारों ने घर छोड़कर टेंट में ली शरण

दिगरा-मुवानी गांव में अतिवृष्टि के चलते खतरे की जद में आए दो परिवारों को रेडक्रास ने टेंट उपलब्ध करा दिए हैं। दोनों परिवारों ने बुधवार को टेंट में शरण ले ली। दिगरा-मुवानी गांव के शिवराम और गोविंद राम के जर्जर हाल भवन हाल में हुई अतिवृष्टि के बाद रहने लायक नहीं रह गए थे। दोनों परिवारों के लिए खतरा बना हुआ था। खतरनाक स्थितियों में रह रहे परिवारों की जानकारी मिलने पर रेडक्रास के बासु पांडेय, भगवान सिंह, चंचल प्रसाद, शुभम पार्की, मुकेश गिरी बुधवार को गांव पहुंचे। रेडक्रास टीम ने दोनों परिवारों के लिए गांव के समीप ही टेंट लगा दिया। परिवारों ने जर्जर हाल भवनों को छोड़कर टेंट में शरण ले ली है। दोनों परिवारों को खाद्यान्न सहित तमाम अन्य सामग्री भी रेडक्रास की ओर से दी गई है। पीडि़त परिवारों ने रेडक्रास सोसाइटी का आभार जताया है।

इसके बाद बीसाबजेड़ पहुंचे रेडक्रास सदस्यों ने यहां भी अतिवृष्टि का शिकार हुए पांच परिवारों को राहत सामग्री प्रदान की। रेडक्रास लगातार अतिवृष्टि प्रभावित लोगों को मदद मुहैया करा रहा है।

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