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नवजात की मौत पर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में हंगामा, समर्थन में पहुंचे कांग्रेस नेता व पार्षद

जागरण संवाददाता हल्द्वानी Haldwani News हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में शुक्रवार को एक बच्चे की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने हंगामा खड़ कर दिया। वे चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे।

By ganesh joshiEdited By: Rajesh VermaPublished: Fri, 23 Sep 2022 08:43 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 08:43 PM (IST)
नवजात की मौत पर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में हंगामा, समर्थन में पहुंचे कांग्रेस नेता व पार्षद
Haldwani News : हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में शुक्रवार को एक बच्चे की मौत हो गई।

जागरण संवाददता, हल्द्वानी। Haldwani News : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय ( Sushila Tiwari Hospital Haldwani) में नवजात की मौत पर शुक्रवार को हंगामा हो गया। स्वजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने करीब दो घंटे तक अस्पताल के गेट पर भी प्रदर्शन किया। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने किसी तरह की लापरवाही से इन्कार किया है।

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डिलीवरी के आधे घंटे बाद बच्चे की मौत

राजपुरा निवासी 20 वर्षीय गर्भवती रेखा को प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन सुबह पांच बजे सुशीला तिवारी अस्पताल (STH) लेकर आए थे। शाम को साढ़े पांच बजे डिलीवरी हुई और करीब छह बजे नवजात की मौत हो गई। इस सूचना के बाद कांग्रेस नेता हेमंत साहू समेत तमाम लोग अस्पताल पहुंच गए।

आरोप : डॉक्टरों ने माता-पिता की नहीं सुनी

उन्होंने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। साहू का कहना था कि स्वजन जल्द डिलीवरी किए जाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। जब तक उसकी डिलीवरी हुई, बहुत देर हो चुकी थी। इसके चलते नवजात की मौत हो गई।

हंगामे की सूचना पर पुलिस भी पहुंची

कुछ देर तक हंगामा करने के बाद भी जब अस्पताल (STH) प्रबंधन की ओर से कोई नहीं पहुंचा तो गेट पर पहुंच गए। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और पीड़ित के न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद मौके पर प्राचार्य भी पहुंच गए। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी शांत हो गए। इस दौरान पार्षद शकील अंसारी, धु्रव कश्यप, तौकीर अहमद, अंकुर कश्यप, सचिन राठौर आदि शामिल रहे।

प्राचार्य बोले

प्रथमदृष्टया देखने पर किसी तरह की लापरवाही नहीं लग रही है। महिला को सीनियर डाक्टर ने भी देखा, लेकिन काफी कोशिश करने के बावजूद नवजात को नहीं बचाया जा सका। अगर स्वजन लिखित में शिकायत करेंगे तो जांच कराई जाएगी।

प्रो. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी


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