यूसीडीएफ में घमासान, बोर्ड चेयरमैन ने मंत्री पर लगाए आरोप
उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन के बोर्ड को भंग करने को लेकर चल रही राजनीतिक उठापटक अब खुलकर सामने आ गई है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन के बोर्ड को भंग करने को लेकर चल रही राजनीतिक उठापटक अब खुलकर सामने आ गई है। बुधवार को बोर्ड की सदस्य मंजू देवी व राम पांडे ने फेडरेशन के प्रबंध निदेशक और निबंधक कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराई। जिसमें कहा गया कि सदस्यों पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड का सदस्य चेयरमैन को ही अपना इस्तीफा दे सकता है। अगर निबंधक को त्यागपत्र देने कोई सदस्य आता है तो उसकी फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराई जाए।
दिसंबर में बोर्ड चेयरमैन व प्रबंध समिति के चुनाव हुए थे। जिसमें भाजपा समर्थित चमोली दुग्ध संघ की प्रतिनिधि रेखा देवी ने जीत दर्ज की, लेकिन उनके चेयरमैन बनने के बाद से अब तक बोर्ड की पहली बैठक तक नहीं हो पाई है। इस मामले में बोर्ड चेयरमैन रेखा देवी ने विभागीय मंत्री पर बोर्ड भंग करने के दबाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ग्राम सभा देवल में ग्राम प्रधान रहते हुए उन्होंने 23 सिंतबर को प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद दुग्ध संघ के चुनाव में उन्होंने भाग लिया, लेकिन अब उन्हें यह कहते हुए बोर्ड के चेयरमैन पद से हटाने की कोशिशें की जा रही हैं कि उन्होंने ग्राम प्रधान रहते हुए बोर्ड चेयरमैन का चुनाव लड़ा।
रेखा देवी ने कहा कि जब वह चेयरमैन बनी, तब मंत्री ने शुभकामनाएं दी थी। अब मंत्री फोन तक नहीं उठा रहे। उनको कई एसएमएस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। विभागीय मंत्री मुझसे बात करने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा की कार्यकर्ता हूं और तब चेयरमैन बनने पर भाजपा के तमाम लोग मौजूद रहे। अब महिला होने के नाते मेरे अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी कीमत पर चेयरमैन का पद नहीं छोड़ेंगी। तीसरी बार बुलाई बैठक पर भी संशय
यूसीडीएफ के चेयरमैन और प्रबंध समिति के सदस्यों के चुनाव के बाद तीन माह के भीतर बोर्ड की प्रथम बैठक होना अनिवार्य है, लेकिन अभी तक बोर्ड की एक भी बैठक नहीं हो पाई और दो बार बोर्ड की बैठक स्थगित हो चुकी है। दिसंबर में चुनाव होने के बाद जनवरी दूसरे सप्ताह में बोर्ड बैठक रखी गई थी। बैठक से ठीक एक दिन पहले सहकारिता व दुग्ध मंत्री ने देहरादून में अधिकारियों की बैठक बुला ली, जिसके बाद बैठक स्थगित करनी पड़ी। दूसरी बोर्ड बैठक में भी ऐसा ही हुआ। कोरम पूरा नहीं होने से प्रबंध निदेशक ने बैठक स्थगित कर दी। अब 27 फरवरी को बोर्ड की बैठक रखी गई है। फेडरेशन में बोर्ड को लेकर चल रही उठापटक को देखते हुए तीसरी बैठक पर भी संशय के बादल छाने लगे हैं।