कोतवाल की जीप में बजने लगी लूट के मोबाइल फोन की घंटी
नैनीताल रोड पर एसडीएम कोर्ट के पास राहगीर से दो बदमाशों ने मारपीट कर मोबाइल लूट लिए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नैनीताल रोड पर एसडीएम कोर्ट के पास राहगीर से दो बदमाशों ने मारपीट कर दो मोबाइल लूट लिए। वारदात को अंजाम देकर दोनों बदमाश रोडवेज स्टेशन की ओर भागे, मगर सूचना पर बदमाशों के पीछे लगी पुसिल ने रेलवे स्टेशन के पास से दोनों को दबोच लिया। कोतवाली लाने के बाद एक बदमाश ने मोबाइल फोन कोतवाल की जीप में ही छिपा दिया। कोतवाली में दोनों बदमाश पुलिस को गुमराह करते रहे। वहीं जब पीड़ित से नंबर लेकर कॉल की गई तो घंटी वाहन के भीतर से बजने लगी।
नवाबी रोड की कलावती कालोनी में रहने वाले कमलापति पांडे किसी काम से मुरादाबाद गए थे। रात को वह संपर्क क्रांति ट्रेन से हल्द्वानी लौटे। रात करीब 11 बजे वह पैदल ही घर की ओर जा रहे थे। कोतवाली से चंद कदम दूर एसडीएम कोर्ट के सामने दो बदमाशों ने उन्हें घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी। दोनों बदमाश ने कमलापति से दो मोबाइल लूट लिए और रोडवेज स्टेशन की ओर भाग निकले। वारदात के बाद तुरंत कमलापति कोतवाली पहुंचे और पुलिस को आपबीती बताई। पुलिस ने भी तत्परता दिखाकर पीड़ित को साथ लिया और बदमाशों की तलाश शुरू कर दी। कुछ देर बाद ही दोनों बदमाश रेलवे स्टेशन रोड के पास खड़े दिख गए। पीड़ित के पहचानते ही पुलिस ने दोनों को दबोच लिया और कोतवाली लाया गया। इसी दौरान एक बदमाश ने एक मोबाइल कोतवाल के वाहन की पिछली सीट के नींचे छिपा दिया। कोतवाली पहुंचकर उनसे एक मोबाइल तो बरामद हो गया, लेकिन दूसरे के बारे में दोनों गुमराह करते रहे। पुलिसकर्मियों ने कमलापति से नंबर लेकर कॉल की। इसी दौरान वाहन के भीतर से घंटी की आवाज आने लगी। पीड़ित के घंटी पहचानने पर वाहन की तलाशी ली गई तो सीट के नीचे से फोन बरामद हो गया। एसएसआइ विजय मेहता ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर मोबाइल लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तार बनभूलपुरा के बदमाश लाइन नंबर 17 निवासी ताजिम व लाइन नंबर 13 निवासी आसिफ हैं। रविवार को दोनों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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लुटेरों की पैरवी करने पहुंचे कांग्रेसी नेता
मोबाइल लूटने वाले दोनों बदमाशों को छोड़ने की पैरवी करने के लिए शनिवार को दिनभर बनभूलपुरा के कांग्रेसी नेता अफसर व कोतवाल से पैरवी करते नजर आए। पहले तो नेता दोनों को छोड़ने के लिए दबाव बनाते रहे, लेकिन जब पुलिस नहीं मानी तो धाराएं हल्की करने के लिए पैरवी करने लगे। कांग्रेसी नेता दोनों बदमाशों की पैरवी के पीछे उनके परिवार के शरीफ होने की दुहाई देते रहे।