त्योहार के समय भी रोडवेज ने नहीं दिया वेतन, आक्रोशित कर्मचारी धरने पर बैठे
आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुका उत्तराखंड रोडवेज अपने कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं दे पा रहा। चार महीने से वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित कर्मी गुरुवार को धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि त्योहार का सीजन होने के बावजूद उधार की जिंदगी जी रहे।
हल्द्वानी, जेएनएन : आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुका उत्तराखंड रोडवेज अपने कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं दे पा रहा। चार महीने से वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित कर्मी गुरुवार को धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि त्योहार का सीजन होने के बावजूद उधार की जिंदगी जी रहे। कोरोना काल मे जान जोखिम डाल उन्हें ड्यूटी तो करनी पड़ रही है। मगर कोई सैलरी देने को तैयार नहीं।
उत्तराखंड रोडवेज़ एम्प्लाइज यूनियन के बैनर तले काठगोदाम और हल्द्वानी डिपो में धरना दे रहे कर्मचारियों ने कहा कि पहले कम बसों के संचालन का हवाला देकर उन्हें ड्यूटी नहीं मिली। और अब तनख्वाह नहीं मिल रही। ऐसे में परिवार को पालना मुश्किल हो चुका है। यूनियन के महामंत्री सतीश लाल ने कहा कि सरकार पर रोडवेज़ का बीस करोड़ रुपए बकाया है। जो कि विशेष श्रेणी के तहत मुफ्त में कराई गई यात्रा का बिल है। ऐसे मुश्किल समय में अगर परिवहन निगम को पुराना बकाया ही मिल जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा। वहीं, धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो दून स्थित मुख्यालय का घेराव किया जाएगा।
आठ कर्मियों का ट्रांसफर
रोडवेज़ ने तकनीकी संवर्ग के आठ कर्मचारियों का ट्रांसफर किया है। इसके तहत उत्तम सिंह बोरा, सुरेंद्र सिंह व महेंद्र भैसोड़ा को वर्कशॉप हल्द्वानी व गणेश प्रसाद और राजेंद्र गुप्ता को काठगोदाम टायर प्लांट में भेजा गया। वहीं, नवीन चंद्र, जीवन टम्टा व संतोष थापा को वर्कशॉप काठगोदाम भेजा गया है। अभी तक यह सभी कर्मचारी जेएनएनयूआरएम में ड्यूटी कर रहे थे।