लखनऊ, आगरा व मथुरा को चलेंगी रोडवेज की बसें
जासं हल्द्वानी सात महीने के बाद उत्तराखंड रोडवेज की बसें लखनऊ आगरा व मथुरा रूट पर चलना शुरू होंगी। अफसरों के मुताबिक मुख्यालय द्वारा स्वीकृति मिलने से रविवार से इनका संचालन शुरू हो जाएगा।
जासं, हल्द्वानी: सात महीने के बाद उत्तराखंड रोडवेज की बसें लखनऊ, आगरा व मथुरा रूट पर चलना शुरू होंगी। अफसरों के मुताबिक मुख्यालय द्वारा स्वीकृति मिलने से रविवार से इनका संचालन शुरू हो जाएगा। वहीं, स्थानीय बसों के संचालन से लोगों को भी फायदा होगा।
22 मार्च के बाद से रोडवेज की बसें इन रूटों पर नहीं जा रही थी। जबकि बरेली रूट पर बसों का संचालन पहले ही शुरू हो चुका। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल भी बसें चलने लगी, मगर लखनऊ, आगरा व मथुरा रूट बंद ही रखा गया। जिस वजह से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वैसे भी इन जगहों पर बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी भी रहते हैं। त्योहार के समय भी बसों के न चलने से दिक्कत और बढ़ रही थी। यात्रियों की इस समस्या को देखते हुए अब रविवार से इन तीनों रूटों पर पुरानी टाइमिंग व दरों के हिसाब से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। एआरएम सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि संक्रमण काल की वजह से सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा। बसों को सैनिटाइज किया गया है। कानपुर, मेरठ और रीठासाहिब के लिए संचालन की मांग
जासं, हल्द्वानी: उत्तराखंड रोडवेज को अभी कई बंद पड़े रूटों पर बसों का संचालन करना है। मुख्यालय की अनुमति के चक्कर में स्थानीय अफसर निर्णय लेने से बच रहे हैं। जिस वजह से अब तक मेरठ, कानपुर व रीठासाहिब बसों को नहीं भेजा जा रहा है। रीठासाहिब लाकडाउन के बाद बसें भेजी गई थी, मगर बाद में संचालन रोक दिया। इसके पीछे चालकों की कमी का हवाला दिया गया था। वहीं, स्टाफ की कमी के चलते हिमाचल के पौंटा साहिब भी बस नहीं चल पाई। अगले महीने दीवाली के चलते रोडवेज को कुछ कमाई की उम्मीद है। पहले से नुकसान झेल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम की लाकडाउन की वजह से ऐसी स्थिति हो गई कि चार महीने से कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल सका। वहीं, पुराने रूट पर बस नहीं चलने से लोगों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। मेरठ व कानपुर रूट पर सवारियों की संख्या ठीकठाक रहती है। इसलिए रोडवेज को इन मार्गो पर भी बसों का चलाना चाहिए।
शानू वारसी, स्थानीय युवक रीठासाहिब धार्मिक जगह होने के कारण बस का सीधा संचालन होने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। मेरठ व कानपुर मार्ग भी जरूरी है।
रितेश कुल्याल, स्थानीय युवक कानपुर व मेरठ आने-जाने वालों की तादाद में अब भी कोई कमी नहीं। लाकडाउन खुलने के बावजूद लोगों की निर्भरता अभी यूपी की बसों पर है।
मयंक बोरा, ट्रांसपोर्ट कारोबारी