2020 तक चीन सीमा तक तैयार हो जाएगी सड़क, लिपूलेख तक जा सकेंगे मानसरोवर यात्रियों के वाहन
सीमा सड़क संगठन के दावे के अनुसार भारत चीन सीमा लिपूलेख तक वर्ष 2020 तक सड़क तैयार हो जाएगी। सड़क तैयार होने पर कैलास मानसरोवर यात्रा दिल्ली से लिपूलेख तक वाहन से संभव है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : सीमा सड़क संगठन के दावे के अनुसार भारत चीन सीमा लिपूलेख तक वर्ष 2020 तक सड़क तैयार हो जाएगी। सड़क तैयार होने पर कैलास मानसरोवर यात्रा दिल्ली से लिपूलेख तक वाहन से संभव है। इस सड़क के तैयार होने पर भारत-चीन व्यापार को भी गति मिलेगी।
धारचूला के गर्बाधार से चीन सीमा लिपूलेख तक वर्ष 2007-08 से बननी प्रारंभ हुई। तब इसका लक्ष्य 2014 रखा गया, परंतु गर्बाधार से ढाई किमी सड़क बनने के बाद बीआरओ के कदम थम गए। हेलीकॉप्टर से मशीनों को उच्च हिमालय में पहुंचा कर वहां पर सड़क निर्माण का कार्य किया जाने लगा। उच्च हिमालय में सड़क निर्माण में तेजी दिखाई और पुलों का निर्माण होता रहा। सड़क निर्माण की समय सीमा बढ़ती गई। पहले 2016 हुई, परंतु सड़क के शुरू में ही लखनपुर से नजंग की चट्टानों ने लक्ष्य का समय दो साल और बढ़ाया। बाद में नौबत यह रही कि बीआरओ को नंजग से मालपा, लामारी तक सड़क कटिंग का कार्य एक निजी कंपनी को दिया गया।
लखनपुर से नजंग के बीच साढ़े तीन किमी सड़क बनाने में बीआरओ को 11 साल लग गए। वर्ष 2019 में लखनपुर से नजंग तक सड़क बन सकी। अब नजंग से लामारी तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। लगभग आठ किमी मार्ग बनने के बाद भी चीन सीमा तक सड़क तैयार हो सकती है। बीआरओ का दावा है कि 2020 तक सीमा तक सड़क कटिंग का कार्य पूरा हो जाएगा। बीते माह प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के उच्च हिमालयी दौरे के दौरान बीआरओ के डीजी ने उन्हें दिया। इसके बाद मुख्य सचिव ने कहा था कि 2020 तक गर्बाधार से लिपूलेख तक सड़क कटिंग का कार्य पूरा हो जाएगा।
दारमा के तिदांग तक सड़क तैयार, पुलों का इंतजार
उच्च हिमालय में चीन सीमा के निकट तिदांग तक दारमा में सड़क बन चुकी है। इस सड़क में पुलों के निर्माण का कार्य चल रहा है। दारमा तक सड़क निर्माण होने से दारमा में पर्यटन बढ़ चुका है। बीते वर्ष से सबसे अधिक पर्यटक पंचाचूली ग्लेशियर तक पहुंच रहे हैं। नागलिंग में पुल लगभग तैयार है। दुग्तू, दांतू के पंचाचूली से निकलने वाली नदी सहित अन्य नदियों में पुल बनते ही पर्यटन को पंख लगने वाले हैं।
मिलम सड़क निर्माण में भी पस्त हुआ बीआरओ
मुनस्यारी के धापा से मिलम तक बनने वाली सड़क में भी बीआरओ पस्त हुआ। यहां भी उच्च हिमालय में सड़क बनाने वाला बीआरओ को प्रारंभ मेंं ही सड़क काटने में मुंह की खानी पड़ी। अंत में निजी कंपनी को कार्य देना पड़ा। लिपूलेख और मिलम मार्ग का निर्माण एक साथ प्रारंभ हुआ दोनों के निर्माण की गति एक जैसी है। सड़क तैयार का लक्ष्य वर्ष दर वर्ष बढ़ता जा रहा है।
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