कब बनेंगे पुल, पानी संग बह रहीं जिंदगी: रामनगर में धनगढ़ी व ढेला नाला ब्लैक स्पाट, लालकुआं में धूल घोंट रही दम
Road Safety With Jagran रामनगर के ढेला गांव में इसी नाम से बना रपटा बेहद खतरनाक है। बीते सात जुलाई को इसी रपटे में बहने से पंजाब के नौ पर्यटकों की बहने से मौत हो गई। इतना सब होने के बाद भी इस समस्या का हल नहीं निकाला गया है।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : Road Safety With Jagran: रामनगर के ढेला गांव में सात जुलाई 2022 को पंजाब के नौ पर्यटकों की बरसाती रपटे में बहने से मौत हो गई। यही हाल मोहान रोड स्थित धनगढ़ी और हल्द्वानी से चोरगलिया रोड पर शेरनाला और सूर्यानाला का भी है। 2010 से अब तक अचानक मुख्य मार्ग पर आने वाले इन रपटों पर बहकर करीब 35 लोगों की मौत हो चुकी है। हर हादसे के बाद सर्वे, पुल और बजट का जिक्र होता है। इसके बाद जिम्मेदार चुप्पी साध लेते हैं।
यहां गड्ढे ही गड्ढे
आपके अपने समाचार पत्र दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान के तहत बुधवार को जब रोड की फिटनेस परखी गई तो कई खामियां सामने आईं। चोरगलिया से आगे आठ किमी सड़क पर सितारगंज सिडकुल में गड्ढे ही गड्ढे दिखे। किच्छा बाईपास की स्थिति बेहतर रही। लेकिन किच्छा से हल्द्वानी आने पर लालकुआं से गोरापड़ाव के बीच गड्ढों के हिचकोले संग धूल दम घोंटने लगी।
कहीं अंधेरा तो कहीं सड़क गायब
बात अगर स्ट्रीट लाइट की करें तो चोरगलिया, किच्छा से हल्द्वानी, हल्द्वानी से रामनगर तक सड़कों पर घुप्प अंधेरा रहा। कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी की रामपुर रोड पर सड़क की स्थिति ऐसी कि किनारे पर कहीं यह पूरी तो कहीं अधूरी दिखी। ऐसे में जरा सी चूक हुई तो जान पर बन आएगी। कार्बेट पार्क की वजह से रामनगर देशी-विदेशी पर्यटकों का बड़ा केंद्र है। लेकिन यहां रिसार्ट जोन यानी ढिकुली में सैलानियों की गाड़ी पानी से भरे गड्ढों से गुजर रही है।
हल्द्वानी से सितारगंज की तरफ बढ़ने पर बीच में पड़ने वाले सिडकुल एरिया की सड़कें कहां है, यही नहीं पता। औद्याेगिक क्षेत्र होने के बाद भी यहां गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देते हैं। गड्ढे भी ऐसे जैसे कुआं खोदा जा रहा हो। #RoadSafetyWithJagran #DhelaRamnagar #Ramnagar #Uttarakhand pic.twitter.com/ZEpDV1eQMD— Rajesh Verma (@rajeashverma) November 16, 2022
हल्द्वानी से सितारगंज रोड का हाल
- चोरगलिया बाजार से आगे सितारगंज बार्डर तक आठ किमी सड़क जर्जर।
- सितारगंज सिडकुल पहुंचने पर सड़क पर दो फीट तक गहरे गड्ढे भी।
- सिडकुल में सड़क पर कतार में खड़े वाहन हादसों की वजह बन सकते हैं।
- हल्द्वानी से चोरगलिया तक कोई स्ट्रीट लाइट नहीं, सिडकुल में कुछ जगह नजर आई।
सितारगंज से किच्छा रोड का हाल
- सितारगंज से किच्छा बाईपास उत्तमनगर के पास अंधा कट।
- किच्छा बाईपास पर फ्लाईओवर के बाद अचानक दो कट।
- दस मीटर दूरी पर एक और कट, जहां से हाईवे पर अचानक वाहनों का सामने आना।
किच्छा से हल्द्वानी रोड का हाल
- किच्छा से पांच किमी बरेली रोड पर हाईवे से अचानक रेलवे फाटक की तरफ खतरनाक मोड़।
- लालकुआं में अंडरपास के पास सड़क किनारे खड़े वाहन हादसे के कारण बन सकते हैं।
- लालकुआं में वन निगम डिपो के पास मोड़, लेकिन एक तरफ की सड़क बंद।
- हल्दूचौड़ से एक किमी हल्द्वानी की तरफ डिवाइडर की बजाय बीच सड़क में बने हैं गड्ढे।
- मोटाहल्दू में पुलिया का काम अधूरा। गड्ढे में पानी जमा और सरिया निकली हुई।
हल्द्वानी से रामनगर व मोहन-कंडी रोड की स्थिति
- लामाचौड़ चौकी से 10 मीटर आगे हाईवे पर अचानक कट।
- फतेहपुर तिराहे पर खतरनाक मोड़, वाहन देखने को शीशा भी नहीं।
- आगे बगीचा रेस्टोरेंट वाले तिराहे पर भी ऐसी ही स्थिति।
- कालाढूंगी से छह किमी पहले संकरी पुलिया हादसे की बड़ी वजह।
- रामगनर से मोहन की दूरी 22 किमी, इस रोड पर जगह-जगह बने हैं गड्ढे।
रामनगर के ढेला गांव में इसी नाम से बना रपटा बेहद खतरनाक है। बीते सात जुलाई को इसी रपटे में बहने से पंजाब के नौ पर्यटकों की बहने से मौत हो गई। इतना सब होने के बाद भी इस समस्या का हल नहीं निकाला गया है। #RoadSafetyWithJagran #DhelaRamnagar #Ramnagar #Uttarakhand pic.twitter.com/JvZAQKkw9k— Rajesh Verma (@rajeashverma) November 16, 2022
बेलबाबा से रानीबाग (सिटी रोड) की हालत बदहाल
- बेलबाबा मंदिर के पास ब्रेकर का पेंट तक धुला, रात में नहीं दिखते।
- पंचायत घर तक कई जगह सड़क के किनारे से सफेद पट्टी नदारद।
- तीन किमी के दायरे में सड़क के किनारे के डिजाइन में भी अंतर।
- बेलबाबा से सिंधी चौक तक हाईवे पर 17 जगह अवैध कट।
- कालूसिद्ध मंदिर के पास सड़क संकरी, एसबीआइ के आगे अवैध पार्किंग।
- शीशमहल में सड़क पर गड्ढे।
- हनुमान मंदिर से रानीबाग तक तीन जगहों पर अंधा मोड़।
रामनगर में धनगढ़ी और पनौद नाले पर 2020 से पुल का काम चल रहा है। कभी वन विभाग की आपत्ति तो कभी अन्य वजहों से निर्माण रुक जाता है। हमें अस्थायी समाधान भी खोजना होगा। इन रपटों पर सरिया व सीमेंट के मिश्रण से तीन-चार फीट ऊपर उठाकर सड़क बन सकती है। जिनके नीचे छोटे-छोटे पिलर होंगे। इससे पानी नीचे से भी गुजर सकता है।
- नवीन चंद्र पोखरियाल, अध्यक्ष पूर्व सैनिक लीग
विभाग की सुनिये
- चोरगलिया रोड के नवनिर्माण के लिए केंद्र से 20 करोड़ की मांग की गई है।
- शेरनाला पर पुल बनाने के लिए साढ़े नौ करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मांगे हैं।
- बरेली रोड निर्माण के लिए ठेकेदार का चयन हो चुका, बैंक में मामला फंसा है।
- रामपुर रोड हाईवे का चौड़ीकरण वनभूमि मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।