कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग गर्बाधार से चीन सीमा लिपूलेख तक का निरीक्षण कर राजस्व दल लौटा
आठ दिन बाद प्रारंभ होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा का निरीक्षण कर राजस्व दल लौट चुका है। दल ने तवाघाट से लिपूलेख तक कुछ स्थानों पर मार्ग अतिशीघ्र ठीक करने की संस्तुति की है।
धारचूला/पिथौरागढ़, जेएनएन : आठ दिन बाद प्रारंभ होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा का निरीक्षण कर राजस्व दल लौट चुका है। दल ने तवाघाट से लिपूलेख तक कुछ स्थानों पर मार्ग अतिशीघ्र ठीक करने की संस्तुति की है। चीन सीमा तक बन रहे सड़क का मलबा काली नदी में डाले जाने से नजंग से आगे झील बने होने की जानकारी दी है।
12 जून से प्रारंभ हो रही कैलास मानसरोवर यात्रा को लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम धारचूला वरु ण अग्रवाल के नेतृत्व में यात्रा मार्ग का निरीक्षण करने गई टीम वापस आ चुकी है। एसडीएम द्वारा जिलाधिकारी को मार्ग की पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीआरओ संचालित तवाघाट- गर्बाधार पूरा मार्ग कच्चा है। पांगला से सौ मीटर आगे कटिंग के कारण मार्ग से सौ मीटर ऊपर से मलबा गिरने का खतरा बना है। मांगती नाले के पास मार्ग के पानी आने से कीचड़ और दलदल बने मार्ग के सुधारीकरण और मरम्मत की आवश्यकता बताई है।
एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बीआरओ गर्बाधार से नजंग तक मोटर मार्ग तैयार कर लिया है। वर्तमान में मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, जिसके मानसून काल में बाधित होने की संंभावना जताई है। नजंग से मालपा पैदल मार्ग में नजंगगाड़ के ऊपर मार्ग में फैले कंकड़, पत्थर हटाने तथा 700 से 800 मीटर मार्ग में सुरक्षा के लिए रेलिंग लगाने की आवश्यकता बताई है। अंतिम भारतीय पड़ाव नाबीढांग से चीन सीमा लिपूलेख तक बर्फ जमी है। जिसमें नाबीढांग से आगे पैदल मार्ग पर चार किमी तक लोनिवि गैंग ने बर्फ हटा दी है। आगे के मार्ग पर लोनिवि गैंग कार्य कर रही है।
एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में चीन सीमा तक निर्माणाधीन सड़क का मलबा काली नदी में डाले जाने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण का मलबा और बोल्डर नदी, नालों में डाला जा रहा है। अनधिकृत ढंग से डाले जा रहे मलबे से नंजग पुल से लगभग तीन सौ मीटर आगे काली नदी में झील बन रही है।
बीस दिनों से ठप है संचार व्यवस्था
एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उच्च हिमालय में डीएसबीटी फोन बीस दिनों से ठप है। जिस कारण संचार का कोई माध्यम नहीं है। यात्रा के लिए केएमवीएन के बूंदी, गुंजी, नावी के होमस्टे , कालापानी, नाबीढांग में विश्राम गृह हैं। अभी तक केएमवीएन का स्टाफ और खाद्यान्न नहीं पहुंचा है। यात्रा के लिए चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी तैनात नहीं हुए हैं। विश्राम गृहों में पेयजल और बिस्तर की उचित व्यवस्था है।
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