रिटायर फौजी ने अनलॉक में खोज लिया आत्मनिर्भरता का जरिया, दूसरों के लिए बने प्रेरणा
कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। लेकिन इस संकट में बागेश्वर जिले के दोफाड़ गांव निवासी पूर्व फौजी के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने अनलॉक में रोजगार का जरिया खोज लिया है। वह गांव में रहकर गो-पालन को बढ़ा रहे हैं और डेयरी भी खोल दी है।
बागेश्वर, घनश्याम जोशी : कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। लेकिन इस संकट में बागेश्वर जिले के दोफाड़ गांव निवासी पूर्व फौजी के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने अनलॉक में रोजगार का जरिया खोज लिया है। वह गांव में रहकर गो-पालन को बढ़ा रहे हैं और डेयरी भी खोल दी है। स्थानीय युवाओं के प्रेरणास्रोत भी बन गए हैं।
पुंगरघाटी के ग्राम पंचायत पलायन के दोफाड़ गांव निवासी पूर्व फौजी मनमोहन सिंह कालाकोटी युवाओं के प्ररेणास्रोत बने हुए हैं। उन्होंने गांव में दूध डेयरी खोलकर नजीर पेश की है। वे स्थानीय गांवों में प्रतिदिन करीब बीस लीटर दूध बेच रहे हैं। इसके साथ ही दही, मट्ठा, घी आदि भी डिमांड के अनुसार लोगों को मुहैया करा रहे हैं। इसके अलावा मुर्गी और मत्स्य पालन का कारोबार उन्होंने लॉकडाउन के दौरान शुरू किया है। उनकी मेहनत धीरे-धीरे रंग लाने लगी है और वे स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।
घर बैठ कर कमा रहे बीस हजार
पुंगरघाटी विकास मंच के संयोजक हरीश कालाकोटी ने कहा कि पूर्व फौजी मनमोहन गो-शाला बनाई है। भागीरथी डेयरी खोली है। सरल व मधुर व्यवहार के धनी मनमोहन कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वे प्रतिमाह करीब बीस हजार रुपये घर में बैठकर कमाने लगे हैं।
क्या कहते हैं पूर्व फौजी
पूर्व फौजी मनमोहन सिंह कालाकोटी ने कहा कि मेरी पैतृक भूमि बंजर पड़ी थी। फौज से घर आने के बाद वह खाली नहीं बैठ सकते थे। खेतों को खोदा और गोशाला बनाया है। गांव के आधा दर्जन युवाओं को भी रोजगार दे रहे हैं। लॉकडाउन के बीच चारा आदि की दिक्कत है। ग्रामीण भी उनसे गो-पालन, सब्जी, मत्स्य और मुर्गी पालन की जानकारी जुटा रहे हैं।