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लॉकडाउन से रेस्टोरेंट इंडस्ट्री भी बेहाल

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते घोषित लॉकडाउन के कारण सभी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हैं। वहीं रेस्टोरेंट इंडस्ट्री का भी बुरा हाल है। लंबे समय तक बंद रेस्टोरेंटों को अब होम डिलीवरी सर्विस के लिए थोड़ी रियायत तो मिली है लेकिन रेस्टोरेंट संचालक इसमें कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 01:19 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:46 AM (IST)
लॉकडाउन से रेस्टोरेंट इंडस्ट्री भी बेहाल
लॉकडाउन से रेस्टोरेंट इंडस्ट्री भी बेहाल

संस, भीमताल : कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते घोषित लॉकडाउन के कारण सभी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हैं। वहीं रेस्टोरेंट इंडस्ट्री का भी बुरा हाल है। लंबे समय तक बंद रेस्टोरेंटों को अब होम डिलीवरी सर्विस के लिए थोड़ी रियायत तो मिली है लेकिन रेस्टोरेंट संचालक इसमें कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

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पर्यटन सीजन के दौरान अप्रेल, मई और जून में पर्यटकों की भीड़ उमड़ने से पर्वतीय क्षेत्रों में रेस्टोरेंट काफी अच्छा चला करते थे। वहीं 22 मार्च से जारी लॉकडाउन के कारण इन दिनों यहां के भी सभी रेस्टोरेंट बंद है। काम बंद होने से रेस्टोंरेंट में नाना प्रकार के खास व्यंजन तैयार करने वाले कुशल कारीगर भी अपने घरों को लौट गए हैं। इधर सरकार ने रेस्टोंरटों को कुछ राहत देते हुए होम डिलीवरी सेवा की इजाजत तो दी है लेकिन कारीगरों के अभाव के चलते रेस्टोरेंट संचालक इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। कई रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि यह व्यवस्था आर्थिक दृष्टिकोण से भी कतई व्यावहारिक नहीं है और कुशल कारीगरों के अभाव में वह गुणवत्ता से भी कोई समझौता नहीं करना चाहते।

लॉकडाउन के कारण भीमताल के प्रतिष्ठित रेस्टोरेंटों में शामिल मचान, सातताल का मधुवन व वैरायटी आदि सब बंद पड़े हैं। कारोबारियों के मुताबिक इस साल पर्यटन सीजन में होटल व रेस्टोरेंट इंडस्ट्रीज का कारोबार चौपट हो गया। इनमें काम करने वाले तमाम लोग बेरोजगार हो गए हैं। रेस्टोरेंट संचालकों को भी काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।

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::::: परिचर्चा

लॉकडाउन के चलते सभी कारीगर अपने घर चले गए हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद निश्चित तौर पर स्थानीय कुशल कारीगरों को प्राथमिकता दी जाएगी। खासकर उन कारीगरों को जिनका परिवार आसपास रहता हो।

-अक्की सेमवाल, निदेशक मचान गु्रप आफ रेस्टोरेंट

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इस बार पर्यटन सीजन बुरी तरह से प्रभावित है। मार्च से ही रेस्टोरेंट बंद हैं। ऐसे में जब भी रेस्टोरेंट का कार्य प्रारंभ होगा तो प्रयास रहेगा कि स्थानीय कारीगरों को ही प्राथमिकता दें। इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रुकेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा।

-विक्रम सिंह, मधुवन रेस्टोरेंट सातताल


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