खराब मौसम के कारण नंदा देवी चोटी पर नहीं चल सका अभियान NAINITAL NEWS
नंदा देवी आरोहण अभियान के दौरान लापता सात पर्वतारोहियों और एक भारतीय लाइजन अफसर के शवों को निकालने के लिए चलाए गए डेयर डेवल्स अभियान में प्रतिकूल मौसम ने बाधा डाली।
पिथौरागढ़, जेएनएन : नंदा देवी आरोहण अभियान के दौरान लापता सात पर्वतारोहियों और एक भारतीय लाइजन अफसर के शवों को निकालने के लिए चलाए गए डेयर डेवल्स अभियान में प्रतिकूल मौसम ने बाधा डाली। बताया जा रहा है एक दिन पूर्व निकाले गए सात शव 17800 फीट की ऊंचाई पर स्थित एडवांस कैंप में रखे गए हैं, जबकि आठवें शव की तलाश की जा रही है।
लापता पर्वतारोहियों की खोज के लिए आइटीबीपी के नेतृत्व में गठित टीम ने सोमवार को नंदा देवी में बर्फ में दबे सात शव निकाले। निकाले गए शवों में एक शव महिला और एक शव भारतीय का है। लापता हुए आठ पर्वतारोहियों में से अभी सात शव निकाले जा सके हैं। एक शव अभी भी बर्फ में दबा है। बर्फ में दबे शव को निकालने का कार्य सोमवार को भी चला। परंतु सोमवार को मौसम खराब रहने से कार्य प्रभावित हुआ।जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि आठवें शव की खोज की जा रही है। आइटीबीपी के पर्वतारोही मौके पर पहुंच कर शव की तलाश कर रहे हैं। खराब मौसम में भी आइटीबीपी के पर्वतारोहियों ने शवों को बर्फ काट कर बाहर निकाला। जल्द ही आठवां शव भी बरामद हो जाएगा।
नंदा देवी में लापता पर्वतारोहियों की खोज एवं बचाव के लिए आइटीबीपी के नेतृत्व में 32 सदस्यीय दल बनाया गया था। इस दल का नेतृत्व आइटीबीपी के उपसेनानी आरएस सौनाल कर रहे हैं। यह दल वाया मुनस्यारी होते हुए नंदा देवी को रवाना हुआ। 15 जून को इस दल को हेलीकॉप्टर से नंदा देवी बेस कैंप में उतारा गया। इसके बाद 18 आइटीबीपी के पर्वतारोही बेस कैं प दो पहुंचे। बेस कैंप में अन्य लोग सहयोग के लिए रहे। बेस कैंप दो पर दल के सदस्यों ने यहां की जलवायु के अनुसार अपने को ढालने के लिए अभ्यास किया। इसके बाद बल के पर्वतारोहियों ने 17800 फीट की ऊंचाई पर एडवांस बेस कैंप बनाया। यहां से शवों को निकालने का कार्य चला। सोमवार को खराब मौसम में सात शव निकाले गए। अब आठवें शव की तलाश जारी है।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदंडे ने बताया कि एडवांस कैंप से बेस कैंप तक शवों को लाने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है। एडवांस कैंप में हेलीकॉप्टर नहीं उतर सकता है। बेस कैंप पहुंचते ही वायु सेना के हेलीकॉप्टर से शवों को पिथौरागढ़ लाया जाएगा। आठवां शव मिलते ही सभी शवों को बेस कैंप में लाया जाएगा। जिसके लिए दो से तीन दिन का समय लग सकता है।
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