एनएच मुआवजा घोटाले में लिप्त किसानों की गिरफ्तारी के लिए थानाध्यक्षों को नोटिस NAINITAL NEWS
एनएच मुआवजा घोटाले में बैक डेट पर 143 कर करोड़ों का मुआवजा लेने वाले 48 किसानों की गिरफ्तारी के प्रयास पुलिस ने तेज कर दिए हैं।
रुद्रपुर, जेएनएन : एनएच मुआवजा घोटाले में बैक डेट पर 143 कर करोड़ों का मुआवजा लेने वाले 48 किसानों की गिरफ्तारी के प्रयास पुलिस ने तेज कर दिए हैं। सभी थानाध्यक्षों को नोटिस जारी कर किसानों की गिरफ्तारी कर अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही पुलिस एनएच घोटाले में एक बार फिर कई किसानों को गिरफ्तार कर सकती है।
एनएच 74 मुआवजा घोटाले में किसानों ने अधिकारियों, कर्मचारियों से मिलीभगत कर अपनी जमीन का बैक डेट पर 143 की थी। इसके बाद एनएच की जद में आई जमीन का मानक से अधिक मुआवजा लिया था। एसआइटी जांच में इसकी पुष्टि होने पर अधिकारी, कर्मचारी, किसान समेत 26 से अधिक लोगों को एसआइटी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। साथ ही एसआइटी की कार्रवाई से डरकर दो दर्जन से अधिक किसान अब तक सरकारी खाते में 2.59 करोड़ रुपये भी जमा कर चुके हैं। जबकि करोड़ों का मुआवजा लेने वाले कई किसानों को एसआइटी ने चिह्नित कर गिरफ्तारी भी शुरू कर दी थी। शेष 48 किसान फिलहाल एसआइटी के टारगेट पर हैं। इनमें कुछ किसान फरार चल रहे हैं। इसे देखते हुए अब एसआइटी अधिकारियों ने जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, किच्छा और सितारगंज के थानाध्यक्षों को नोटिस जारी कर करोड़ों का मुआवजा लेने वाले 48 किसानों की गिरफ्तारी को नोटिस जारी किए हैं। साथ ही किसानों की गिरफ्तारी कर अवगत कराने को भी कहा है। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक नोटिस मिलने के बाद थाना पुलिस ने किसानों की तलाश शुरू कर दी है। एसपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि किसानों की गिरफ्तारी के लिए थानाध्यक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं। जल्द ही किसानों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कई किसानों से हो सकती है मुआवजा वसूली
बैक डेट पर 143 कर करोड़ों का मुआवजा लेने वाले किसानों से एसआइटी वसूली भी शुरू कर सकती है। बता दें कि जिले के जसपुर, बाजपुर, काशीपुर, गदरपुर, किच्छा और सितारगंज के साथ ही रुद्रपुर के भी दर्जनों किसानों ने बैक डेट पर 143 कर मानक से अधिक मुआवजा लिया था। एसआइटी जांच में इसका खुलासा हुआ तो गिरफ्तारी शुरू हुई। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक कुछ किसान ऐसे भी हैं, जिनसे मुआवजा वसूली होनी है। इसके लिए एसआइटी ऐसे किसानों को चिह्नित करने में जुटी हुई है। किसानों की लिस्ट मिलने के बाद उनसे वसूली की कवायद शुरू हो सकती है।