उत्तराखंड में दिखा दुर्लभ रेड कोरल कुकरी स्नेक, वन कर्मियों ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा
उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले में एक बहुत ही दुर्लभ रेड कोरल कुकरी सांप को वन अधिकारियों ने रेस्क्यू किया है। दुर्लभ प्रजाती के इस सांप को वन विभाग के अधिकारियों ने दिनेशपुर क्षेत्र के ग्राम जगदीश पुर में एक स्थानीय निवासी के घर से रेस्क्यू किया गया है।
रुद्रपुर, जेएनएन : उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले में एक बहुत ही दुर्लभ रेड कोरल कुकरी सांप को वन अधिकारियों ने रेस्क्यू किया है। दुर्लभ प्रजाती के इस सांप को वन विभाग के अधिकारियों ने दिनेशपुर क्षेत्र के ग्राम जगदीश पुर में एक स्थानीय निवासी के घर से रेस्क्यू किया गया है। वन अधिकारियों के अनुसार, ऐसा दुर्लभ सांप पहली बार 1936 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी क्षेत्र में देखा गया था, जहां इसे अपना वैज्ञानिक नाम 'ओलिगोडोन खेरिएन्सिस' मिला। इसके नाम में प्रत्यय 'कुकरी' कुकरी या गोरखाओं के घुमावदार चाकू से आता है क्योंकि इसके दांत कुकरी के ब्लेड की तरह घुमावदार होते हैं।
अभिलाषा सिंह (डीएफओ) तराई पूर्व ने बताया कि दिनेशपुर क्षेत्र में जगदीशपुर निवासी त्रिलोक मिस्त्री ने सुबह एक सांप के बचाव के लिए एक कॉल मिली। जब हम सांप को बचाने के लिए वहां पहुंचे जहां रेस्क्यू कर उसे पकड़ा गया। सिंह ने बताया कि 95 सेंटीमीटर का सर्प था। बताया कि यह दुर्लभ प्रजाति का सर्प सिर्फ भारत के तराई में या फिर नेपाल में पाया जाता है। लेकिन पिछले कई वर्षाें से विलुप्त थी। सांप को मौके से बचाने के बाद टीम भी हैरान थी क्योंकि यह दुर्लभ सांपों में से एक था। उन्होंने कहा कि बाद में इसे जंगल में छोड़ दिया गया। देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से इंटरनेट पर बताया गया है कि यह रेड कोरल कुकरी एक बहुत ही दुर्लभ सांप है और उत्तराखंड में अब तक केवल दो बार देखा गया है।
2015 में तराई पूर्वी वन प्रभाग के सुरई वन रेंज में सूचना मिली थी। इससे पहले 2014 में, उत्तर प्रदेश की सीमा के पास सुरई वन रेंज में इस सांप की सूचना मिली थी, लेकिन तब यह मृत पाया गया था। रेड कोरल कुकरी सांप को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 4 में सूचीबद्ध किया गया है। यह लाल और चमकीले नारंगी रंगों में पाया जाता है। यह गैर विषैला सांप होता है और केंचुएं और कीड़ें और लार्वा इसके भोजन हैं। रेस्क्यू टीम में उप प्रभागीय वन अधिकारी उमेश चंद्र तिवारी, पंकज कुमार, कांता राम आदि रहे।