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प्रदूषण कम होने से गर्मी में रिकॉर्ड गिरावट, दस साल के न्यूनतम स्तर पर रहा अप्रैल का तापमान

कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन की दुश्वारी के बीच सुखद खबर है। लॉकडाउन में वाहनों का संचालन व फैक्ट्री बंद रहने से तापमान में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 08:03 AM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 08:03 AM (IST)
प्रदूषण कम होने से गर्मी में रिकॉर्ड गिरावट, दस साल के न्यूनतम स्तर पर रहा अप्रैल का तापमान
प्रदूषण कम होने से गर्मी में रिकॉर्ड गिरावट, दस साल के न्यूनतम स्तर पर रहा अप्रैल का तापमान

गणेश पांडे, हल्द्वानी : कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन की दुश्वारी के बीच सुखद खबर है। लॉकडाउन में वाहनों का संचालन व फैक्ट्री बंद रहने से तापमान में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। कुमाऊं के तराई-भाबर में अप्रैल की गर्मी पिछले दस वर्षों में सबसे निचले स्तर पर रिकॉर्ड की गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने इसे सुखद बताया है।

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तराई-भाबर में आमतौर पर अप्रैल का अधिकतम तापमान 38 से 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है। इस बार पारे का ग्राफ 36.6 डिग्री से ऊपर नहीं चढ़ा। अप्रैल में सात दिन ही पारा 35 डिग्री या उससे अधिक पहुंचा। वहीं, माह में तीन दिन तापमान 29 डिग्री का स्तर भी नहीं छू पाया। सबसे कम 28 डिग्री तापमान 28 अप्रैल को रहा, जबकि अप्रैल का औसत तापमान 35.4 डिग्री है। तराई में अप्रैल का सर्वाधिक तापमान 20 अप्रैल 2009 को 41.5 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था।

तिथि व वर्षवार    अप्रैल का तापमान

2019 (29)          38.6

2018 (19)          37.8

2017 (29)          38.6

2016 (27)          39.2

2015 (21)          37.0

2014 (30)          38.7

2013 (30)          38.9

2012 (20)          37.3

2011 (29)          37.5

2010 (12)          40.7

(स्रोत : उत्तराखंड मौसम विभाग)

कम तापमान की दो बड़ी वजह

वजह 1 अधिक बारिश

पश्चिमी विक्षोभ के तीन-चार सिस्टम सक्रिय हुए। अधिकांश दिन बादल रहे। बूंदाबांदी होती रही। इस बार अप्रैल में रिकॉर्ड 70 मिमी बारिश हुई। इससे तापमान नहीं बढ़ा।

वजह 2 : कम प्रदूषण

वाहन व फैक्ट्री नहीं चलने से हवा में प्रदूषण कम रहा। एयर कंडीशनर कम चले। इससे मौसम साफ रहा। मौसम साफ रहने से धरती के सतह पर तापमान कम रहता है।

मौसमी परिस्थितियों के साथ लॉकडाउन भी वजह

डॉ. आरके सिंह, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार गर्मी कम है। धुंध पूरी तरह गायब है। मौसमी परिस्थितियों के साथ लॉकडाउन भी इसकी मुख्य वजह में शामिल रहा।

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