सरकारी बीएड कॉलेजों की मान्यता 2009 के बाद से नहीं हुई नवीनीकृत
बीएड को लेकर क्रेज कम क्या हुआ, मान्यता को लेकर कॉलेज भी बेपरवाह हो गए हैं। आलम यह है कि तमाम सरकारी बीएड कॉलेजों की मान्यता 2009 के बाद से नवीनीकृत नहीं हुई है।
नैनीताल, जेएनएन : बीएड को लेकर क्रेज कम क्या हुआ, मान्यता को लेकर कॉलेज भी बेपरवाह हो गए हैं। आलम यह है कि तमाम सरकारी बीएड कॉलेजों की मान्यता 2009 के बाद से नवीनीकृत नहीं हुई है। राजभवन ने अग्रिम आदेशों तक मान्यता पर गंभीर सवाल उठाने के बाद अब कुमाऊं विवि भी सख्त रवैया अपनाने लगा है। विवि ने मान्यता नवीनीकरण नहीं होने पर दो कॉलेजों में बीएड के साथ ही अन्य पाठ्यक्रम की परीक्षा रोक दी है। कुमाऊं विवि के संबद्ध 42 राजकीय कॉलेजों में बीएड संचालित है। 2009 के बाद जैसे-जैसे कॉलेज खुले, शासनादेश में अग्रिम आदेश तक मान्यता प्रदान कर दी गई, लेकिन सूत्रों के अनुसार अधिकांश कॉलेजों की मान्यता का नवीनीकरण ही नहीं हुआ है। शासन की ओर से 2017 में नया एक्ट लागू किया गया, जिसे अमरेला एक्ट भी कहा जाता है। इस एक्ट के तहत विशेषज्ञों के पैनल निरीक्षण के बाद एक माह के भीतर मान्यता पर फैसला लेना होता है, लेकिन रुद्रपुर व काशीपुर के ऐसे बीएड कॉलेज हैं, जिनका पैनल निरीक्षण के चार माह बाद भी मान्यता नवीनीकरण नहीं हुआ है।
बिना मान्यता परीक्षा कराने से इन्कार
विवि परीक्षा विभाग ने बिना मान्यता के परीक्षा कराने से इन्कार कर दिया है। उधर शासन ने ही एक दूसरा शासनादेश जारी किया है, जिसके बाद कॉलेज की संबद्धता का नवीनीकरण विवि द्वारा नहीं बल्कि राजभवन से होगा। इस तकनीकी पेच की वजह से कुमाऊं विवि ने परीक्षा को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय पंत का कहना है कि राजभवन से मान्यता नवीनीकरण को हरी झंडी मिलने पर ही परीक्षा कराई जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि बीएड प्रवेश परीक्षा की तिथि भी जल्द घोषित कर दी जाएगी।
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