Move to Jagran APP

सरकारी बीएड कॉलेजों की मान्यता 2009 के बाद से नहीं हुई नवीनीकृत

बीएड को लेकर क्रेज कम क्या हुआ, मान्यता को लेकर कॉलेज भी बेपरवाह हो गए हैं। आलम यह है कि तमाम सरकारी बीएड कॉलेजों की मान्यता 2009 के बाद से नवीनीकृत नहीं हुई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 10:05 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 07:06 PM (IST)
सरकारी बीएड कॉलेजों की मान्यता 2009 के बाद से नहीं हुई नवीनीकृत
सरकारी बीएड कॉलेजों की मान्यता 2009 के बाद से नहीं हुई नवीनीकृत

नैनीताल, जेएनएन : बीएड को लेकर क्रेज कम क्या हुआ, मान्यता को लेकर कॉलेज भी बेपरवाह हो गए हैं। आलम यह है कि तमाम सरकारी बीएड कॉलेजों की मान्यता 2009 के बाद से नवीनीकृत नहीं हुई है। राजभवन ने अग्रिम आदेशों तक मान्यता पर गंभीर सवाल उठाने के बाद अब कुमाऊं विवि भी सख्त रवैया अपनाने लगा है। विवि ने मान्यता नवीनीकरण नहीं होने पर दो कॉलेजों में बीएड के साथ ही अन्य पाठ्यक्रम की परीक्षा रोक दी है। कुमाऊं विवि के संबद्ध 42 राजकीय कॉलेजों में बीएड संचालित है। 2009 के बाद जैसे-जैसे कॉलेज खुले, शासनादेश में अग्रिम आदेश तक मान्यता प्रदान कर दी गई, लेकिन सूत्रों के अनुसार अधिकांश कॉलेजों की मान्यता का नवीनीकरण ही नहीं हुआ है। शासन की ओर से 2017 में नया एक्ट लागू किया गया, जिसे अमरेला एक्ट भी कहा जाता है। इस एक्ट के तहत विशेषज्ञों के पैनल निरीक्षण के बाद एक माह के भीतर मान्यता पर फैसला लेना होता है, लेकिन रुद्रपुर व काशीपुर के ऐसे बीएड कॉलेज हैं, जिनका पैनल निरीक्षण के चार माह बाद भी मान्यता नवीनीकरण नहीं हुआ है।

loksabha election banner

बिना मान्यता परीक्षा कराने से इन्कार

विवि परीक्षा विभाग ने बिना मान्यता के परीक्षा कराने से इन्कार कर दिया है। उधर शासन ने ही एक दूसरा शासनादेश जारी किया है, जिसके बाद कॉलेज की संबद्धता का नवीनीकरण विवि द्वारा नहीं बल्कि राजभवन से होगा। इस तकनीकी पेच की वजह से कुमाऊं विवि ने परीक्षा को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। परीक्षा नियंत्रक प्रो. संजय पंत का कहना है कि राजभवन से मान्यता नवीनीकरण को हरी झंडी मिलने पर ही परीक्षा कराई जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि बीएड प्रवेश परीक्षा की तिथि भी जल्द घोषित कर दी जाएगी।

यह भी पढ़ें : जरायम की दुनिया में नाबालिग कदम, जा रहे नशे की गिरफ्त में

यह भी पढ़ें : शासन का वही पुराना राग, एक फिर से छेड़ा आइएसबीटी की जमीन का शिगूफा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.