अधर्मी दशानन का अंत, धर्म की फहराई विजय पताका
जासं हल्द्वानी श्रीराम का जयघोष आकाश में बिखरती सतरंगी छटा और पटाखों की गूंज..। कोविड-19 की बंदिशों के चलते इस बार हर साल की तरह जनसैलाब नहीं था मगर अधर्म और अन्याय के प्रतीक रावण का अंत वही हुआ जो हर बार होता है।
जासं, हल्द्वानी : श्रीराम का जयघोष, आकाश में बिखरती सतरंगी छटा और पटाखों की गूंज..। कोविड-19 की बंदिशों के चलते इस बार हर साल की तरह जनसैलाब नहीं था, मगर अधर्म और अन्याय के प्रतीक रावण का अंत वही हुआ जो हर बार होता है। रामलीला मैदान में श्रीराम ने जैसे ही विजयी तीर छोड़ा, रावण धूं-धूं कर जल उठा।
रामलीला मैदान में रविवार की लीला की शुरुआत अहिरावण वध से हुई। श्रीराम-रावण के बीच लंबा युद्ध चला। अंतत: श्रीराम ने रावण रूपी बुराई का अंत किया। सत्य और धर्म की विजय को देखने के लिए सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के प्रमुख लोग मौजूद रहे। अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोगों ने एक साथ बुराई का अंत देखा। शहरवासियों ने पहली बार केबिल व फेसबुक के माध्यम से घर से लाइव इस नजारे का देखा। व्यासाचार्य गोपाल दत्त शास्त्री ने सभी के कल्याण की कामना की।
यहां मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, गजराज बिष्ट, रेनू अधिकारी, प्रकाश हर्बोला, कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, रामलीला कमेटी के प्रभारी रिसीवर एसडीएम विवेक राय, नरेंद्र, विकास, डीके पंत, सौरभ अग्रवाल, तनुज गुप्ता, भवानी शंकर, योगेश शर्मा, विवेक कश्यप, अतुल अग्रवाल, प्रदीप जनौटी, विजय भट्ट आदि मौजूद रहे। आज होगा राज्याभिषेक
सोमवार को रामलीला मैदान में श्रीराम के अयोध्या वापसी, राम-भरत मिलाप और राज्याभिषेक आदि की लीला का मंचन किया जाएगा। होली मैदान में राम-भरत का मिलन होगा। मंगलवार को पारायण के साथ लीला का समापन होगा। जमकर हुई शादियां
विजयदशमी पर रवि महात्म्य योग में जमकर शादियां हुई। शहर के बैंक्वेट हाल में लंबे समय के बाद शहनाई गूंजी। हालांकि प्रशासन की गाइडलाइन को देखते हुए जलसे की अनुमति नहीं दी गई थी।