Nainital Weather Update : कुमाऊं में आज और कल अच्छी बारिश के आसार, नहीं खुला चीन सीमा को जोड़ने वाला मार्ग
सोमवार और बुधवार को हुई जोरदार बारिश के बाद गुरुवार को मानसून सुस्त पड़ गया। नैनीताल समेत कुमाऊं में कुछ ही स्थानों पर देर शाम बारिश हुई।
नैनीताल, जेएनएन : सोमवार और बुधवार को हुई जोरदार बारिश के बाद गुरुवार को मानसून सुस्त पड़ गया। नैनीताल समेत कुमाऊं में कुछ ही स्थानों पर देर शाम बारिश हुई। वहीं मानसून के आज से फिर से सक्रिय होने के आसार हैं। मौसम िविभाग ने आज और कल कुमाऊं भर में हल्की से मद्धम बारिश के आसार जताए हैं। नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर और ऊधमसिंहनगर में आसामान में बादलों का घेरा है और बारिश के आसार हैं। वहीं पिछले दिनों हुई बारिश के कारण अब भी कुमाऊं में कई रस्ते पर मलबा आैर पेड़ आने के कारण बाधित हैं। जबकि चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग तीसरे दिन भी बंद रहा।
पिथौरागढ़ जिले में बारिश से 19 मार्ग बंद
दो दिन बारिश के बाद गुरुवार को मौसम खुला, लेकिन जिले की 24 सड़कों पर यातायात प्रभावित हो गया। जिसमें पांच सड़कें खुल चुकी हैं पर अभी भी उन्नीस सड़कों पर मलबे का ब्रेक लगा है। टनकपुर-तवाघाट मार्ग घाट के निकट दिल्ली बैंड के पास मलबा आने से लगभग दो घंटे बंद रहा। टनकपुर -तवाघाट मार्ग पर पिथौरागढ़ से धारचूला के मध्य धारचूला के निकट गोठी में मलबा आने से लगभग दो घंटे बंद रहा। तीन दिन से चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-सोबला-दारमा मार्ग दिन में एक बजे के आसपास खुल सका है। जबकि चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग तीसरे दिन भी बंद है। काली नदी 888.65 मीटर पर बह रही है यहां पर चेतावनी जलस्तर 889 मीटर है। वहीं थल-मुनस्यारी मार्ग के लगातार बंद रहने से सीमांत की जनता की दुश्वारियां बढ़ चुकी हैं। जिले के बंद प्रमुख मार्गों में मदकोट-बौना, मदकोट-दारमा, बंगापानी -जाराजिबली, बांसबंगड्-माणीधामी, बांसबगड़-कोटा पंद्रहपाला, सेलमाली-दाखिम, नाचनी-भैंस्कोट, देवलथल-कनालीछीना, पांखू-संगोड़-दाणू, बेरीनाग-पौसा पस्तोला आदि हैं।
लिंक मार्ग ध्वस्त, गांव नहीं पहुंच पा रहे वाहन
चंपावत जिले के लोहाघाट में बुधवार को हुई भारी बारिश के चलते नगर से लगे फोर्ती गांव को जोड़ने वाला लिंक मार्ग ध्वस्त हो गया है। इससे गांव तक जाने वाले वाहनों की आवाजाही भी बंद हो गई है। वहीं गुरुवार की सुबह रीठासाहिब-लोहाघाट मार्ग पर रीठा थाने के पास पेड़ गिरने से आवाजाही दो घंटे तक बाधित रही। की। गुरुवार की ही सुबह पाच बजे रीठासाहिब से एक किमी आगे चीड़ का विशालकाय पेड़ गिर गया। इससे रीठासाहिब सहित भिंगराड़ा से आने वाले यात्री रास्ते में फंस गए। काफी देर तक पेड़ हटाने के लिए टीम नहीं पहुंची तो यात्रियों ने स्वयं ही पेड़ हटाने का कार्य शुरू कर दिया। करीब आठ बजे मार्ग वाहनों के निकलने लायक बनाया जा सका। चम्पावत जिला मुख्यालय के ज्ञानी सेरान में बहने वाला नाला चोक होने से बारिश का सारा पानी खेतों में घुस गया है। इससे उपजाऊ खेतों का कटान शुरू हो गया है। वहीं एनएच पर स्वाला के पास मलबा आ जाने सेगुरुवार की सुबह एक घंटे तक सड़क बंद रही।
बागेश्वर जिले चार मकान क्षतिग्रस्त, आठ रास्ते बंद
बागेश्वर जिले में जिले में बारिश से जगह-जगह चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दो घरों को ज्यादा नुकसान हुआ है। घटना में परिवार के 10 सदस्य बाल-बाल बचे। प्रशासन आपदा राहत बचाव कार्य में जुट गया है। बारिश से जिले में नंदी देवी पत्नी हरक राम निवासी असों का मकान काफी क्षतिग्रस्त हो गया है। छह लोग घटना में बाल-बाल बचे। वहीं सकीड़ा गांव में किशोर कुमार पुत्र गुसाईं राम का मकान को भी बारिश ने खासा नुकसान पहुंचाया। दो अन्य मकान राजन राम पुत्र किशन राम निवासी असों व चनूली देवी पत्नी जोगा राम निवासी पंद्रहपाली का मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रशासन सभी जगहों पर जाकर आपदा बचाव राहत कार्य में जुटा हुआ है। वहीं जिले में बारिश का सिलसिला जारी है। तीसरे दिन आठ सड़कें आवागमन के लिए पूरी तरह बंद रहीं। जिससे करीब बीस हजार जनसंख्या प्रभावित हो गई है। जलभराव से मंडलसेरा में जमीन धंसने से एक बाथरूम गिर गया है। लोगों के घरों में गंदा पानी घुस रहा।
अल्मोड़ा में आवासीय मकान की सुरक्षा दीवार ढही
अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के शैल में बीते दिनों हुई बारिश के बाद एक आवासीय मकान की दीवार ढह गई है। दीवार टूटने के बाद प्रभावित परिवार ने अन्यत्र शरण ली है। सूचना के बाद राजस्व उपनिरीक्षक ने गांव का दौरा किया और रिपोर्ट तहसील प्रशासन को सौंप दी है। बीते दो दिनों से पर्वतीय क्षेत्रों में रुक रुक कर तेज बारिश हो रही है। बारिश के कारण चनौदा के पास शैल गांव निवासी शोभा भाकुनी पत्नी स्व. कुंदन सिंह के आवासीय मकान की दीवार भरभराकर गिर गई। संयोग से हादसे के वक्त घर के अंदर कोई मौजूद नहीं था। मकान के टूटने के बाद पीड़ित परिवार ने अब गांव में ही अन्यत्र शरण ली है। पीड़िता शोभा देवी ने बताया कि उसके पति की कुछ ही दिनों पहले मौत हो गई है और उसकी आíथक स्थिति भी ठीक नहीं है। ऐसे में उसके सामने अपने परिवार के पालन पोषण की समस्या तो थी ही ऊपर से अब उसका आशियाना भी उजड़ गया है। शोभा देवी ने प्रशासन से उन्हें आíथक मदद देने की भी गुहार लगाई है।
हल्द्वानी में रकसिया नाले ने रखा रौद्र रूप
हल्द्वानी में गुरुवार शाम हुई तेज बारिश से रकसिया नाले ने रौद्र रूप धारण कर लिया। काठगोदाम क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश के बाद रकसिया उफान पर आ गया। इससे तल्ली-मल्ली बमौरी, छड़ायल और कुसमुखेड़ा इलाके में कई जगह पानी भर गया। खेतों और गलियों में जलभराव होने से स्थानीय लोगों में निगम प्रशासन के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। बरसात में हर साल रकरिया नाला भारी तबाही मचाता है। दमुवाढूंगा से कुमुमखेड़ा तक करीब आठ किमी दायरे में फैले नाले में कई जगह पानी की लाइनें बिछाई गई हैं। पुलिया काफी नीची हैं, जिससे पानी ओवरफ्लो करता हुआ खेतों और सड़कों पर बहने लगता है।