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एंटी रैगिंग कमेटी ने मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाया संस्कारों का पाठ

राजकीय मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी ने एमबीबीएस विद्यार्थियों को संस्कारों का पाठ पढ़ाया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 11:14 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:14 PM (IST)
एंटी रैगिंग कमेटी ने मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाया संस्कारों का पाठ
एंटी रैगिंग कमेटी ने मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाया संस्कारों का पाठ

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी ने एमबीबीएस विद्यार्थियों को संस्कारों का पाठ पढ़ाया और कहा कि खुद का अनुशासन जरूरी है। अगर हम सभी अनुशासित रहेंगे तो हमें दूसरों को अनुशासन सिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कमेटी के सदस्यों ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष और द्वितीय व तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को अलग-अलग संबोधित किया।

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सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय ने कहा कि कॉलेज प्रशासन आपके परिवार की तरह है। कॉलेज प्रशासन को भी ऐसा वातावरण बनाना चाहिए, जिससे कि आप सभी लोग अपनी बातें खुलकर रख सकें। जूनियर व सीनियर विद्यार्थियों के बीच मित्रतापूर्वक व्यवहार होना चाहिए। आप सभी एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए आएं। इसलिए सभी अपनी पढ़ाई पर फोकस रखें। आपको ऐसा कार्य करना चाहिए, जिससे कि आपके माता-पिता को गर्व हो। रैगिंग जैसा कोई ऐसा कार्य न करें, जिससे कि आपके परिवार से लेकर संस्थान की छवि धूमिल हो जाए। एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्रा को अपनी बात शेयर करने का अधिकार है। आप पुलिस से भी शिकायत कर सकते हैं। एनजीओ से पहुंची कुसुम दिगारी ने अपने रिलेशन को बेहतर रखने के तरीके बताए। प्राचार्य डॉ. सीपी भैंसोड़ा ने कहा कि अभी मामले की जांच की जा रही है। इसलिए सभी विद्यार्थियों को कॉलेज में अनुशासन बनाए रखने होगा। इस दौरान डॉ. एके सिंह, डॉ. जीएस तितियाल, डॉ. अजय आर्या, डॉ. विनिता रावत, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. प्रवीण भारद्वाज, सुमन रखोलिया आदि शामिल रहे। ऐसे उठा था रैगिंग का मामला

राजकीय मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के दो सीयिनर छात्रों पर एक जूनियर छात्र ने रैगिंग करने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत यूजीसी की वेबसाइट में की गई थी। इसके बाद यूजीसी ने कॉलेज प्रशासन को जांच के लिए भेजा था। इस मामले में एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच की, लेकिन अभी शिकायती छात्र का पता नहीं लगा पाने की वजह से कमेटी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। कार्यशाला में ये बातें आई सामने

- विद्यार्थियों की काउंसलिंग की जाए

- 25-25 विद्यार्थियों का बैच बनाया जाए

- सीनियर-जूनियर के बीच मित्रतापूर्वक व्यवहार हो

- सीनियर छात्रों ने रैगिंग नहीं करने का आश्वासन दिया

- शिकायत के लिए ड्रॉप बॉक्स रखा जाए

- एंटी रैगिग कमेटी के सदस्य का नंबर हर छात्र के पास हो


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