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मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा के प्राचार्य प्रो. नौटियाल के इस्तीफा से सरकारी सिस्टम पर उठे सवाल

राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा (Medical College Almora) के प्राचार्य प्रो. आरजी नौटियाल (Prof RG Nautiyal) के इस्तीफा सौंपने से एक बार फिर सरकारी सिस्टम पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।

By Edited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 05:24 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 03:53 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा के प्राचार्य प्रो. नौटियाल के इस्तीफा से सरकारी सिस्टम पर उठे सवाल
मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा के प्राचार्य प्रो. नौटियाल के इस्तीफा से सरकारी सिस्टम पर उठे सवाल

हल्द्वानी, गणेश जोशी : निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा (Medical College Almora)  के प्राचार्य प्रो. आरजी नौटियाल (Prof RG Nautiyal) के इस्तीफा सौंपने से एक बार फिर सरकारी सिस्टम पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। वर्ष 2004 में घोषणा होने और 2012 से निर्माणाधीन कॉलेज का काम पूरा नहीं होने से प्राचार्य आहत हैं। उनके बार-बार आग्रह पर भी कॉलेज के निर्माण की रफ्तार तेज नहीं हुई। इसके चलते इस बार भी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) से एमबीबीएस कोर्स के लिए अनुमति मिलने की उम्मीद धूमिल हो चुकी है। इसके बावजूद त्रिवेंद्र सरकार की सक्रियता नहीं दिख रही है।

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215 करोड़ खर्च फिर भी नहीं मिला पानी

कॉलेज निर्माण के लिए 327 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। अब तक 215 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। करीब 60 फीसद काम हो चुका है। 65 करोड़ रुपये की राशि चिकित्सा शिक्षा निदेशक के खाते में डंप है। जबकि 47 करोड़ रुपये अभी जारी नहीं हुए है। इसके बावजूद परिसर में रहने वाले करीब 40 डॉक्टर पानी को तरस गए हैं। अभी तक पेयजल के लिए ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा? शासन स्तर पर पेयजल लाइन के लिए 2016 से 10 करोड़ का प्रस्ताव शासन में लंबित है।

निर्माण एजेंसी व ठेकेदार के बीच तनातनी

राज्य में कोई भी सरकार आए, उसका ध्यान भवनों के निर्माण पर ही टिका रहता है। इसके पीछे उनकी जो भी मंशा रही हो, लेकिन इस तरह की स्थिति से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का काम जनवरी से बंद है। उत्तर प्रदेश निर्माण निगम कार्यदायी संस्था है। इसके अधीन एक ठेकेदार भी तय है। चर्चा है कि काम को लेकर दोनों के बीच अक्सर तनातनी रहती है।

शासन में बैठे अधिकारियों ने मूंद ली आंखें

शासन स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों का भी कुमाऊं के पर्वतीय जिले के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर ध्यान नहीं है। कॉलेज निर्माण से संबंधित प्रस्ताव शासन में जाते हैं, लेकिन समय पर अनुमति नहीं मिल पाती है।

कुमाऊं से जनप्रतिनिधियों की मजबूत पैरवी नहीं

मेडिकल कॉलेज जल्दी बन सके। इसके लिए कुमाऊं स्तर पर किसी भी जनप्रतिनिधि की मजबूत पैरवी नजर नहीं आती है। इसके लेकर भी आठ साल से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का काम पूरा नहीं हो सका है। प्रो. आरजी नौटियाल, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा को शुरू कराने के लिए वह लगातार प्रयासरत रहे हैं, लेकिन निर्माण कार्य जनवरी से बंद है। वह इस मामले में उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत करा चुके हैं। जब काम ही नहीं हो रहा है तो उन्होंने अपना इस्तीफा चिकित्सा शिक्षा सचिव को भेज दिया है।

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