इंग्लैंड जाने से पहले डिसएबल्ड क्रिकेट टीम में सेलेक्शन पर सवाल, चार में से दो संस्थाओं ने दिया इस्तीफा
टीम में खिलाडिय़ों के चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता न बरतने को लेकर टीम के रवाना होने से पहले ही डिसएबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन में विवाद पैदा हो गया है।
रुद्रपुर, जेएनएन : काफी मशक्कत के बाद भारतीय डिसएबल्ड क्रिकेट टीम बनी। इंग्लैंड में होने वाली डिसएबल्ड क्रिकेट विश्व कप के लिए तैयारी भी शुरू हो गई। खिलाडिय़ों ने भी जोश और जज्बे के साथ मैदान में बालिंग और बैटिंग कर पसीना बहाना शुरू कर दिया। लेकिन टीम में खिलाडिय़ों के चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता न बरतने को लेकर टीम के रवाना होने से पहले ही डिसएबल्ड क्रिकेट एसोसिएशन में विवाद पैदा हो गया है।
देश में फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेट खिलाडिय़ों के लिए डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसायटी, इंडियन क्रिकेट फेडरेशन फॉर डिसेबल्ड, ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन फॉर फिजिकल चैलेंज्ड और फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेट एसोसिएशन आदि चार एसोसिएशन भारत में कार्य करती हैं। उत्तराखंड में डिसएबल्ड सोसाइटी कार्य करती है। इंग्लैंड में चार अगस्त से इंग्लैंड वल्र्ड क्रिकेट सीरीज का आयोजन होना है। विश्व कप में हिस्सा लेने के लिए इन चारों संस्थाओं ने बीसीसीआई से सहभागिता के लिए अनुमति मांगी थी।
वर्ल्ड क्रिकेट सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर भारत में दिव्यांग क्रिकेट को संचालित करने वाली चारों संस्थाओं को ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन को अंब्रेला नाम दिया गया। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए एक एसोसिएशन के पदाधिकारी को सचिव बनाया गया। क्रिकेट टीम के चयन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए डीएसएस और आईसीएफडी ने इस्तीफा दे दिया। इन्होंने ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन फॉर फिजिकल चैलेंज्ड पर मनमानी के आरोप लगाए। आरोप है कि चहेतों को टीम में स्थान दे दिया गया है। विवाद खड़ा होने पर खिलाडिय़ों में मायूसी है।
आरोप है इस तरह हुई धांधली
डीएसएस के गुलामदीन ने चार मैचों में 197 रन बनाए। जीत भौमिक ने दो पारियों में 114 रन बनाए 3 केस और एक स्टंप भी किया । बृजेश द्विवेदी ने तीन मैचों में 76 रन मारे और एक विकेट लिया और सबसे चर्चित खिलाड़ी कैलाश प्रसाद ने 56 रन बनाए और 5 विकेट लिए इसके अलावा डीएसएस द्वारा संचालित भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रविंद्र पाल ने किफायती गेंदबाजी के साथ शानदार सात विकेट झटके खिलाडिय़ों के ऐसे शानदार प्रदर्शन के बावजूद पांचों खिलाडिय़ों को चयनकर्ता प्रसाद देसाई और दीपक जाधव ने बाहर कर दिया ।
सरकार को आगे आना चाहिए
हरीश चौधरी, सचिव, उत्तराखंड डिसएबल्ड सोसाइटी ने बताया कि इस मामले में सरकार को आगे आने चाहिए। स्पष्ट जांच और ट्रायल कराकर जो उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों का चयन होना चाहिए। इस तरह की रुकावट से दिव्यांग खिलाडिय़ों के सपनों पर पानी फिर रहा है।