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Haldwani News : रेलवे भूमि पर बने चार हजार से अधिक घरों को ढहाने के लिए PWD को मिली बुल्डोजर की जिम्मेदारी

encroachment on railway land in haldwani रेलवे स्टेशन हल्द्वानी के निकट 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है। इसमें करीब पांच हजार परिवार रह रहे हैं। गौलापार निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट रवि शंकर जोशी की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 08:12 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 08:12 AM (IST)
Haldwani News : रेलवे भूमि पर बने चार हजार से अधिक घरों को ढहाने के लिए PWD को मिली बुल्डोजर की जिम्मेदारी
हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड जमीन पर है कब्जा, 23 करोड़ रुपये का तय है खर्चा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर के लिए टेंडर निकाले जाने से खलबली मच गई है। रेलवे के अनुरोध पर लोक निर्माण विभाग ने टेंडर निकाले हैं। हालांकि रेलवे व प्रशासन हाई कोर्ट की अगली सुनवाई का इंतजार कर रहा है।

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रेलवे स्टेशन हल्द्वानी के निकट 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण है। इसमें करीब पांच हजार परिवार रह रहे हैं। गौलापार निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट रवि शंकर जोशी की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। इसके बाद जिला प्रशासन व रेलवे सक्रिय हो गया। अतिक्रमण हटाने की तैयारियों में जुट गया।

जिला प्रशासन के अनुसार अतिक्रमण हटाने में करीब 23 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। प्रशासन की ओर से तमाम तरह की तैयारियों के बाद रेलवे को कह दिया गया था कि कार्रवाई की तिथि निर्धारित करने से 15 दिन पहले उन्हें बता दिया जाए। हालांकि अतिक्रमण मामले में में हाई कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है। कोर्ट ने अगली तिथि 15 जून तय की है।

इसके बावजूद रेलवे व प्रशासन ने तैयारियां जारी रखी हैं।15 मई को लोक निर्माण विभाग ने बुलडोजर व पोकलैंड के लिए टेंडर जारी कर दिया है। टेंडर में कार्य का समय 15 दिन उल्लेख किया है। इसके लिए 2.76 लाख रुपये धरोहर राशि जमा करनी होगी। डीएम धीराज सिंह गब्र्याल ने बताया कि रेलवे ने पोकलेंड व बुलडोजर की व्यवस्था कराने को कहा गया था। इसके चलते लोनिवि के जरिये टेंडर कराए गए हैं।

ढोलक और गफूर बस्ती के बच्चों ने दिया धरना

बस्ती बचाओ संघर्ष समिति बनभूलपुरा के नेतृत्व में ढोलक और गफूर बस्ती के बच्चों ने धरना दिया। सोमवार को तिकोनिया स्थित बुद्ध पार्क में धरने के दौरान समिति के संयोजक टीआर पांडे ने कहा कि रेलवे प्रशासन घरों, स्कूलों व अस्पताल आदि को अतिक्रमण के नाम पर तोड़ना चाहता है, जबकि रेलवे के पास जमीन का कोई मालिकाना हक नहीं है। यह रेलवे ने आरटीआइ 2017 की रिपोर्ट में स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम लोगों को बसाना है, न कि उजाड़ना। परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महेश ने कहा कि सरकार का काम लोगों को शिक्षित करना है, मगर बस्तियों में स्थित स्कूलों को वह तोड़ना चाहती है। बाल सत्याग्रह कार्यक्रम का संचालन कक्षा 7 के अनुराग व कक्षा 12 की आलिया ने किया। धरने में जमिल कुरैशी, रफीक, प्रकाश, नसीम, शहजाद, खलील सिद्दीकी, अल्तमस, परवीन, आफताब आदि शामिल रहे।


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